सरकार ने शुक्रवार को 586.14 करोड़ रुपए के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के 22 प्रस्तावों को मंजूरी दे दी। केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) द्वारा 30 मार्च 2012 की बैठक की गई सिफारिशों के बाद ही इन प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है। एफडीआई को एफआईआई (विदेशी संस्थागत निवेश) या पोर्टफोलियो निवेशक की तुलना में ज्यादा अच्छा माना जाता है। इसमें सबसे बड़ा निवेश प्रस्ताव शांता बायोटेक्निक्सऔरऔर भी

वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को कुल मिलाकर 2126 करोड़ रुपए मूल्य के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के 18 प्रस्तावों को मंजूरी दे दी। जिन कंपनियों के प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है उनमें डिश टीवी व एमसीएक्स शामिल है, जबकि यूनिटेक वायरलेस के आवेदन को कैबिनेट के पास विचार के लिए भेज दिया गया है। वित्त मंत्रालय का कहना है कि विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की सिफारिशों को देखते हुए यह फैसला किया गया है। इसकेऔरऔर भी

देश में सक्रिय दुनिया की चार ऑडिट फर्में ऐसे-ऐसे काम भी कर रही हैं जिनकी उन्हें इजाजत नहीं दी गई है। यह कहना है देश में एकाउंटिंग व ऑडिटिंग की नियामक संस्था आईसीएई (इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंटट्स ऑफ इंडिया) की एक शीर्ष समिति का। आईसीएआई के पूर्व अध्यक्ष उत्तम प्रकाश अग्रवाल की अगुआई में बनी इस समिति का कहना है कि प्राइस वॉटरहाउस कूपर्स, केपीएमजी, अर्न्स्ट एंड एंग और डेलॉइटे को देश में कंसलटेंसी सेवाएं देने कीऔरऔर भी