सरकारी कंपनी एनटीपीसी उत्तर प्रदेश में कानपुर के पास बिल्हौर में कोयला आधारित बिजली परियोजना लगाएगी। केंद्रीय कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल के चुनाव-क्षेत्र में पड़नेवाली इस परियोजना की अनुमानित लागत 6600 करोड़ रुपए है। इस पर जनवरी 2012 से काम शुरू हो जाने की उम्मीद है। कंपनी सूत्रों के मुताबिक इस ताप बिजली परियोजना की क्षमता 3120 मेगावॉट होगी। इस पर अगले साल जनवरी के पहले हफ्ते से काम शुरू हो जाएगा। हालांकि संयंत्र को कोयला आपूर्तिऔरऔर भी

दक्षिण कोरिया की कंपनी पोस्को को भारत की जमीन पर पैर रखने में बराबर मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। काफी रगड-धगड़ के बाद उड़ीसा में उसकी प्रस्तावित इस्पात परियोजना को केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की हरी झंडी मिली तो राज्य सरकार ने भूमि अधिग्रहण का काम शुरू कर दिया। लेकिन शुक्रवार को भूमि अधिग्रहण के इस काम में खलल पड़ गया। ग्रामीणों ने 52,000 करोड़ रुपए की इस परियोजना के लिए अपनी जमीन के अधिग्रहण केऔरऔर भी

देश की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) का कहना है कि उसकी विभिन्न परियोजनाओं को पर्यावरण संबंधी मंजूरी नहीं मिलने का असर उसके कोयला उत्पादन पर हो सकता है और 2011-12 में भी उत्पादन शायद लगातार दूसरे साल स्थिर बना रहे। सार्वजनिक क्षेत्र की इस कंपनी की कुल घरेलू कोयला उत्पादन में 80 फीसदी से अधिक हिस्सेदारी है। वित्त वर्ष 2010-11 में उसका उत्पादन 43.1 करोड़ टन पर लगभग स्थिर रहा था। कोयलाऔरऔर भी

लैंको इंफ्राटेक (बीएसई – 532778, एनएसई – LITL) साल 2011 की शुरुआत में 3 जनवरी को 65.55 रुपए पर था। शुक्रवार 4 मार्च को 2.76 फीसदी गिरकर 36.95 रुपए पर बंद हुआ है। वह भी तब जब 3 मार्च को सीएलएसए ने इसे ‘आउटपरफॉर्म’ की रेटिंग देते हुए खरीदने की सलाह दी है। सीएलएसए का कहना है कि उसने कंपनी की ऋणग्रस्तता की गणना की है और यह शेयर 47 रुपए तक जा सकता है। यानी, जोऔरऔर भी