शेयर बाजार किसी इलाहाबाद का मीरगंज, दिल्ली का श्रद्धानंद मार्ग या मुंबई का कमाठीपुरा नहीं है कि गए और चोंच मारकर आ गए। यहां रिश्ते चंद रातों के नहीं, सालों-साल के बनते हैं। यहां के रिश्ते एकतरफा भी नहीं होते। दोनों पक्षों को भरपूर मिलता है। न मिले तो सब कुछ टूट जाता है, सारा औद्योगिक विकास अवरुद्ध हो जाता है। यह करीब पांच सौ साल पहले उत्तरी यूरोप से शुरू हुआ वो जरिया है जिससे व्यक्तियोंऔरऔर भी

जयराम रमेश ने ग्रामीण विकास मंत्रालय का पदभार संभालते ही जमीन के विस्फोटक मुद्दे को हाथ लगा दिया है। उन्होंने कहा है कि भूमि अधिग्रहण विधेयक का मसौदा अगले हफ्ते के मध्य तक बहस के लिए पेश कर दिया जाएगा और इसके बाद 1 अगस्त से शुरू हो रहे मानसून सत्र में इसे संसद के पटल पर रख दिया जाएगा। सारा देश इस बात से वाकिफ है कि जमीन का मसला उड़ीसा से लेकर पश्चिम बंगाल औरऔरऔर भी