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निफ्टी की दशा-दिशा: शुक्रवार 24 मार्च 2023 अंतिम रुख↓ शाम 3.30 बजे

 

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emotions

holika dahan

वही जलाना, वही मनाना!

2023-03-07
By: अनिल रघुराज
On: March 7, 2023
In: ऋद्धि-सिद्धि

और भीऔर भी

sansakaron ki fans

संस्कारों की फांस

2023-03-05
By: अनिल रघुराज
On: March 5, 2023
In: ऋद्धि-सिद्धि

और भीऔर भी

sapno ki ranginiyat

सपनों की रंगीनियत

2023-02-03
By: अनिल रघुराज
On: February 3, 2023
In: ऋद्धि-सिद्धि

और भीऔर भी

bhav sansar

लोग, भाषा व भाव-संसार

2023-02-02
By: अनिल रघुराज
On: February 2, 2023
In: ऋद्धि-सिद्धि

और भीऔर भी

hawa hi hawa

भावनाएं विचार, हवा ही हवा

2022-09-10
By: अनिल रघुराज
On: September 10, 2022
In: ऋद्धि-सिद्धि

और भीऔर भी

shanti va santu

शांत, संतुष्ट व संतृप्त

2022-08-28
By: अनिल रघुराज
On: August 28, 2022
In: ऋद्धि-सिद्धि

और भीऔर भी

na lut paye loktantra

ताकि न लुटे लोकतंत्र

2022-08-18
By: अनिल रघुराज
On: August 18, 2022
In: ऋद्धि-सिद्धि

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only 5 percent

बस 5% ही तो हम!

2022-07-16
By: अनिल रघुराज
On: July 16, 2022
In: ऋद्धि-सिद्धि

और भीऔर भी

varied life

भिन्नता का भंडार

2022-07-15
By: अनिल रघुराज
On: July 15, 2022
In: ऋद्धि-सिद्धि

और भीऔर भी

loktantra tark aur bahas

भावनाएं नहीं, तर्क और बहस

2022-06-26
By: अनिल रघुराज
On: June 26, 2022
In: ऋद्धि-सिद्धि

और भीऔर भी

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निवेश – तथास्तु

  • निवेश सही जो मात दे एफडी रिटर्न को
    19 Mar 2023

    शेयर बाज़ार हो या वित्तीय बाज़ार का कोई भी निवेश, वो किसी निर्वात में नहीं होता। हर निवेश का एक संदर्भ और माहौल होता है। इधर साल भर पहले मुद्रास्फीति पर काबू पाने के लिए अमेरिका से ब्याज दरें बढ़ाने का सिलसिला जब से शुरू हुआ, तब से सारी दुनिया के वित्तीय समीकरण बदल गए हैं। अमेरिका में तो ब्याज दरों के शून्य से 5% पहुंचने का ही नतीजा है कि बैंकों के सारे बॉन्ड पोर्टफोलियो की […]

पेड सेवा

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क्या आप जानते हैं?

  • अमृतकाल है या विश्वास का संकटकाल

    दुनिया पर भले ही नई आर्थिक मंदी का संकट मंडरा रहा हो। लेकिन हमारा देश इंडिया यानी भारत इस वक्त भयंकर ही नहीं, भयावह विश्वास के संकट के दौर से गुजर रहा है। प्रधानमंत्री झूठ बोलते हैं। समूची सरकार और उसमें बैठी पार्टी के आला नेता झूठ बोलते हैं। सरकार का हर मंत्री झूठ बोलता …

अपनों से अपनी बात

  • साल में 41-112%, मिले है सिर्फ यहां!

    भारतीय अर्थव्यवस्था बढ़ रही है और आगे भी बढ़ेगी। लेकिन कहा जा रहा है कि इसका लाभ आम आदमी को पूरा नहीं मिलता। अमीर-गरीब की खाईं बढ़ रही है। बाज़ार को आंख मूंदकर गालियां दी जा रही हैं। लेकिन बाज़ार सचेत लोगों के लिए आय और दौलत के सृजन ही नहीं, वितरण का काम भी …

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जानिए

  • ज़ीरो-सम गेम नहीं है यह
  • ईटीएफ: चलो बाजार खरीद लें
  • मायने आईपीओ ग्रेडिंग के
  • जवाब कमोडिटी बाजार के

बूझिए

  • ओपन ऑफर, बायबैक, डीलिस्टिंग
  • इश्यू मूल्य और बुक बिल्डिंग
  • गुत्थी ऋण बाजार की
  • यह कासा बला क्या है?

आज़माइए

  • मोटामोटी दस बातें शेयरों की
  • गोल्ड ईटीएफ एक, दाम अनेक
  • न करें कम एनएवी का लालच
  • फायदे म्यूचुअल फंड निवेश के

क्या आप जानते हैं?

अमृतकाल है या विश्वास का संकटकाल

दुनिया पर भले ही नई आर्थिक मंदी का संकट मंडरा रहा हो। लेकिन हमारा देश इंडिया यानी भारत इस वक्त भयंकर ही नहीं, भयावह विश्वास के संकट के दौर से गुजर रहा है। प्रधानमंत्री झूठ बोलते हैं। समूची सरकार और उसमें बैठी पार्टी के आला नेता झूठ बोलते

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