दरअसल, यह बस करेक्शन है बंधुवर!
15 सितंबर से लेकर 10 अक्टूबर तक के 17 ट्रेडिंग सत्रों में विदेशी संस्थागत निवेशकों ने भारतीय शेयर बाज़ार के कैश सेगमेंट में 7847.23 करोड़ रुपए (1.28 अरब डॉलर) की शुद्ध बिकवाली की, निफ्टी 2.26% गिर गया। क्या इसका मतलब यह कि मोदी प्रभाव से साल 2014 में अब तक करीब 25% बढ़ा बाज़ार ठंडा होने लगा है और विदेशी निवेशकों में निराशा घर करने लगी है? दरअसल, यह करेक्शन है बस। अब नए हफ्ते की दस्तक…औरऔर भी