बाज़ार वही, शेयर भी वही। एक-सा उठना-गिरना। पर यहां कुछ लोग हर दिन नोट बनाते हैं, जबकि ज्यादातर की जेब ढीली हो जाती है। शेयर बाज़ार की बुनावट ही ऐसी है कि यहां कुछ कमाते हैं, अधिकांश गंवाते हैं। फुटबॉल मैच का उन्माद खोजनेवाले यहां पिटते हैं। काहिलों को बाज़ार खूब धुनता है। वो आपके हर आग्रह-दुराग्रह, कमज़ोरी का इस्तेमाल आपके खिलाफ करता है। सो, रियाज़ से हर खोट को निकालना ज़रूरी है। अब नज़र आज पर…औरऔर भी

पिरामल हेल्थकेयर के जेनरिक दवा व्यवसाय को अमेरिकी कंपनी एब्बॉट द्वारा खरीदे जाने के लगभग एक महीने बाद ही भारतीय दवा उद्योग में एक और बड़ा सौदा होने जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज अपना फॉर्मूलेशन बिजनेस बहुराष्ट्रीय दवा कंपनी फाइजर को 250 करोड़ डॉलर (लगभग 11,560 करोड़ रुपए) में बेचने जा रही है। इसके तहत कंपनी के चेयरमैन व प्रवर्तक के. अंजी रेड्डी की पूरी की पूरी 25.77 फीसदी इक्विटी हिस्सेदारी फाइजर कोऔरऔर भी

शायद आपको नहीं पता है कि अब कोई भी डॉक्टर दवा कंपनियों ने न तो फ्री गिफ्ट ले सकता है और न ही उसके द्वारा स्पांसर की गई यात्रा पर जा सकता है। इसके लिए मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) ने दोषी डॉक्टरों के नाम अपने रजिस्टर से काट देने की सजा रखी है जिसके बाद कोई भी डॉक्टर कानूनी रूप से प्रैक्टिस नहीं कर सकता। इस समय एमसीआई उन 200 डॉक्टरों का नाम पता ढूंढने मेंऔरऔर भी