बाजार के बारे में क्या कहा जाए! यहां कोई न्यूनतम स्तर भी न्यूनतम स्तर नहीं होता। जैसे, नव भारत वेंचर्स ने पिछले साल 29 नवंबर 2010 को 295.10 रुपए पर तलहटी बनाकर 302 रुपए पर बंद हुआ तो उसका तब का पी/ई अनुपात 5.33 था और शेयर की बुक वैल्यू थी 234.06 रुपए। ऐसे में इसमें निवेश की सलाह तो बनती ही थी। लेकिन यह शेयर 30 अगस्त 2011 को 158 रुपए के नए न्यूनतम स्तर पहुंचऔरऔर भी

डॉलर के सापेक्ष रुपए के कमजोर होने का सीधा असर पेट्रोलियम पदार्थों की लागत पर पड़ता है। सितंबर के शुरू में एक डॉलर 46 रुपए का था। अभी 49 रुपए के आसपास है। डॉलर की विनिमय दर में हर एक रूपए की वृद्धि से देश में डीजल, केरोसिन व रसोई गैस की सालाना लागत 8000 करोड़ रुपए बढ़ जाती है। यानी, दो रुपए बढ़ने से 16,000 करोड़ और तीन रुपए बढ़ने से 24,000 करोड़। पेट्रोलियम मंत्री जयपालऔरऔर भी