बंद हो जाए बाज़ार तो फर्क नहीं
हेज-फंडों के निवेश की खास स्टाइल है। वे वहां निवेश करते हैं जहां संभावना होती है, मगर किस का ध्यान नहीं होता। अपने बाज़ार में भी ऐसी बहुतेरी लिस्टेड कंपनियां हैं, खासकर बीएसई में। धंधा जमा-जमाया है और बढ़ भी रहा है। फिर भी निवेशकों की नज़र में चढ़ती नहीं। ऐसी कंपनियां उनके लिए बड़ी मुफीद होती हैं जिन पर शेयर बाज़ार के दो-चार साल बंद होने से फर्क नहीं पड़ता। तथास्तु में ऐसी ही एक कंपनी…औरऔर भी