दूर से भगवान
भगवान के भौतिक वजूद के सबसे करीब रहनेवाला पुजारी सबसे बड़ा नास्तिक होता है। वह भगवान की औकात जानता है। जानता है कि दूर के लोगों की आस्था ही भगवान को सत्ता व ताकत देती है। वरना वो किसी का कुछ बना-बिगाड़ नहीं सकता।और भीऔर भी
दूर से रहम
ज़िंदगी में कभी कमजोर, कायर व भीरु लोगों से नाता नहीं बनाना चाहिए। उन पर रहम करो, लेकिन दूर से। पास बैठा लिया तो सिर पर चढ़कर ऐसी चिल्ल-पों मचाएंगे कि आपका चलना ही दूभर हो जाएगा।और भीऔर भी
भगवान पड़ोस में
दूर के ढोल ही नहीं, भगवान भी सुहाने लगते हैं। पास आकर भगवान पड़ोस में हमारी तरह रहने लगें तो हम उनकी भी बखिया उधेड़ डालें। इसीलिए सत्ता-लोलुप संत और नेता हम से दो गज दूर ही रहते हैं।और भीऔर भी
सत्ता से फासला
सही समझ के लिए सत्ता से दो हाथ की दूरी जरूरी है। सत्ता आपकी आंखों पर परदा डाल देती है। ऐसा मतिअंध बना देती है कि आपको बस अपना ही अपना दिखता है, बदलता सच नहीं दिखता।और भीऔर भी