काया से देखें छाया, तभी मिले माया
दिसंबर तिमाही के नतीज़ों के आने का सिलसिला शुरू हो गया। लिस्टेड कंपनियों ने चालू वित्तीय साल की तीसरी तिमाही में कैसा कामकाज किया, इसका ध्यान रखना ज़रूरी है क्योंकि शेयरों के भाव भले ही छोटी अवधि में डिमांड-सप्लाई के संतुलन से प्रभावित होते हैं, लेकिन हैं वे कंपनी के कामकाज या कैश फ्लो की ही छाया। मूल काया ही चौपट होगी तो छाया को मिटना ही है। इसलिए नतीज़ों पर नज़र रखते हुए बढ़ते हैं आगे…औरऔर भी