Skip to content
arthkaam narrow header

निफ्टी की दशा-दिशा: शुक्रवार 27 मई 2022 अंतिम रुख↑ शाम 3.30 बजे

 

पिछला बंद शुक्र का उच्चतम शुक्र का न्यूनतम शुक्र का बंद वास्तविक दायरा
16170.15 16370.60 16221.95 16352.45 16225-16375

 

Secondary Navigation Menu
Menu
  • अर्थव्यवस्था
    • उद्योगमैन्यूफैक्चरिंग से लेकर समूचे सेवा क्षेत्र से जुड़ी नीतियां व विकासक्रम
    • कृषिउस क्षेत्र का हाल जिस पर निर्भर है देश की 60 फीसदी से ज्यादा आबादी
    • वित्त बाजारवित्तीय बाजार पर असर डालनेवाली हर खबर, विश्लेषण के साथ
    • बजटबजट के प्रावधानों से लेकर सरकारी नीतियों का लेखाजोखा
  • ऋद्धि-सिद्धि
  • ऑप्शन ट्रेडिंग
  • जीवन-सार
  • ट्रेडिंग-बुद्ध
  • धन-मंत्र
  • निवेश
  • तथास्तु
  • विचार
    • आपकी बातसमाज के बीच से आए असली व सार्थक विचार
    • मेरी बातकिसी सामयिक प्रसंग पर संपादक का विश्लेषण
    • इनकी बातकिसी खास हस्ती के रोचक विचार
    • उनकी बातवित्तीय जगत से जुड़े किसी शख्स के व्यवहारिक विचार
  • संपर्क
  • पेड सेवा
  • Login

deviation

एकाग्रता का अभ्यास

2021-06-10
By: अनिल रघुराज
On: June 10, 2021
In: ऋद्धि-सिद्धि

और भीऔर भी

नीति क्यों नाकाम!

2021-06-04
By: अनिल रघुराज
On: June 4, 2021
In: ऋद्धि-सिद्धि

और भीऔर भी

giving up

महात्यागी के दो त्याग

2017-07-08
By: अनिल रघुराज
On: July 8, 2017
In: ऋद्धि-सिद्धि

और भीऔर भी

inside and outside

बाहर-अंदर साथ-साथ

2017-05-14
By: अनिल रघुराज
On: May 14, 2017
In: ऋद्धि-सिद्धि

और भीऔर भी

विचलन से सृजन

2015-01-11
By: अनिल रघुराज
On: January 11, 2015
In: ऋद्धि-सिद्धि

और भीऔर भी

निवेश – तथास्तु

  • समझ से कमाओ तो एक्सपर्ट से गंवाओ
    22 May 2022

    निवेश करते वक्त अपना स्वतंत्र विवेक विकसित करना बहुत ज़रूरी है। अन्यथा, शेयर बाज़ार ही नहीं, हमारा समूचा वित्तीय बाज़ार ऐसे शिकारियों भरा पड़ा है जो कभी भी हमें निपटा सकते हैं। यहां का कोई भी एक्सपर्ट भरोसा करने लायक नहीं है। आपको याद होगा कि जब मार्च-अप्रैल 2020 के दौरान कोरोना की पहली लहर में शेयर बाज़ार ऐतिहासिक तलहटी पकड़ चुका था, तब तथाकथित बाज़ार ‘विशेषज्ञ’ कह रहे थे कि अभी तो कयामत आनी बाकी है […]

पेड सेवा

tathastu logo

क्या आप जानते हैं?

  • कोरोना काल का पहला मेगा स्कैम!

    जर्मन मूल की ग्लोबल ई-पेमेंट कंपनी वायरकार्ड ने बैंकिंग और इसके नजदीकी धंधों में अपने हाथ-पैर पूरी दुनिया में फैला रखे थे। फिर भी उसका कद ऐसा नहीं है कि इसी 25 जून को उसके दिवाला बोल देने से दुनिया के वित्तीय ढांचे पर 2008 जैसा खतरा मंडराने लगे। अलबत्ता, जिस तरह इस मामले में …

अपनों से अपनी बात

  • साल में 41-112%, मिले है सिर्फ यहां!

    भारतीय अर्थव्यवस्था बढ़ रही है और आगे भी बढ़ेगी। लेकिन कहा जा रहा है कि इसका लाभ आम आदमी को पूरा नहीं मिलता। अमीर-गरीब की खाईं बढ़ रही है। बाज़ार को आंख मूंदकर गालियां दी जा रही हैं। लेकिन बाज़ार सचेत लोगों के लिए आय और दौलत के सृजन ही नहीं, वितरण का काम भी …

Subscribe to ।।अर्थकाम।। by Email

जानिए

  • ज़ीरो-सम गेम नहीं है यह
  • ईटीएफ: चलो बाजार खरीद लें
  • मायने आईपीओ ग्रेडिंग के
  • जवाब कमोडिटी बाजार के

बूझिए

  • ओपन ऑफर, बायबैक, डीलिस्टिंग
  • इश्यू मूल्य और बुक बिल्डिंग
  • गुत्थी ऋण बाजार की
  • यह कासा बला क्या है?

आज़माइए

  • मोटामोटी दस बातें शेयरों की
  • गोल्ड ईटीएफ एक, दाम अनेक
  • न करें कम एनएवी का लालच
  • फायदे म्यूचुअल फंड निवेश के

क्या आप जानते हैं?

कोरोना काल का पहला मेगा स्कैम!

जर्मन मूल की ग्लोबल ई-पेमेंट कंपनी वायरकार्ड ने बैंकिंग और इसके नजदीकी धंधों में अपने हाथ-पैर पूरी दुनिया में फैला रखे थे। फिर भी उसका कद ऐसा नहीं है कि इसी 25 जून को उसके दिवाला बोल देने से दुनिया के वित्तीय ढांचे पर 2008 जैसा खतरा मंडराने

और भी

© 2010-2020 Arthkaam ... {Disclaimer} ... क्योंकि जानकारी ही पैसा है! ... Spreading Financial Freedom