पिछले दस सालों में केवल एक साल को छोड़ दें तो कभी भी मुहूर्त ट्रेडिंग के दिन शेयर बाजार नीचे नहीं गया है। कारण यह है कि मुहूर्त ट्रेडिंग में ज्यादातर गुजराती ट्रेडर भाग लेते हैं और वे दिवाली के दिन बेचने के बजाय खरीदना ही पसंद करते हैं। केवल 9 नवंबर 2007 को दिवाली के दिन बीएसई सेंसेक्स 0.8 फीसदी या 151 अंक गिर गया था। 8 नवंबर 2007 को यह 19,059 पर था, जबकि 9औरऔर भी

नौकरियां बढ़ाने के लिए ओबामा का 447 अरब डॉलर का पैकेज दुनिया के बाजारों में चहक नहीं ला सका क्योंकि समयसिद्ध नियम है कि जब भी कोई अच्छी खबर आती है, निवेशक हमेशा बेचते हैं। यह भी कि यह पैकेज रातोंरात असर नहीं दिखा सकता। लेकिन इसने इतना तो साबित कर दिया कि व्हाइट हाउस मानता है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था की हालत अच्छी नहीं है। इन हालात में दोतरफा बिकवाली होनी ही थी। जिन्होंने सुधार की उम्मीदऔरऔर भी

अपैल खत्म, मई आ गया। अप्रैल में तो शेयर बाजार कंपनियों के नतीजों के हिसाब से डोलता रहा। जिन कंपनियों ने उम्मीद से बेहतर नतीजे घोषित किए, उनके शेयर ठीकठाक चले, जबकि जो कंपनियां बाजार की उम्मीदों पर खरी नहीं उतरीं, उनके शेयरों को तोड़ दिया गया। इनमें रिलायंस इंडस्ट्रीज, इनफोसिस व सेल जैसी कंपनियां शामिल हैं। ऐसा होना एकदम स्वाभाविक था। इसलिए इसमें किसी अचंभे की बात नहीं है। वैसे, अभी अगले दो हफ्ते तक मिडऔरऔर भी

सारा देश भले ही दोपहर ढाई बजे से मोहाली में भारत-पाकिस्तान के बीच हो रहे विश्व कप क्रिकेट मैच का सेमी फाइनल देखने बैठ गया हो, लेकिन शेयर बाजार के कारोबार पर इसका ज्यादा फर्क नहीं पड़ा है। कारोबारियों ने मैच शुरू होने से पहले ही ज्यादातर सौदे निपटा लिए थे। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के आंकड़ों के अनुसार आज बुधवार को कैश सेगमेंट में 54,65,699 सौदे हुए जिनमें 73.31 करोड़ शेयरों का लेनदेन हुआ और कुलऔरऔर भी