केंद्रीय वित्‍त मंत्री प्रणव मुखर्जी मंगलवार को संसद के शीत सत्र के पहले दिन खुद की पहल पर लोकसभा को मुद्रास्फीति का गणित समझाते नजर आए। उन्होंने सांसदों को समझाया कि मुद्रास्‍फीति मांग और आपूर्ति में असंतुलन के कारण पैदा होती है। तेजी से होने वाली आर्थिक वृद्धि और ढांचागत परिवर्तन के दौर में, जिससे इस समय भारत गुजर रहा है, मुद्रास्‍फीति का बढ़ना स्‍वाभाविक है। उन्‍होंने कहा कि हमने सभी उभरती हुई अर्थव्‍यवस्‍थाओं में इसे होतेऔरऔर भी

खाद्य मुद्रास्फीति के ऊंचे स्तर को धंधे के नए अवसर में तब्दील किया जा सकता है। यह कहना है दुनिया की जानीमानी सलाहकार फर्म केपीएमजी की ताजा रिपोर्ट का। राजधानी दिल्ली में मंगलवार को आयोजित नौवें ज्ञान शताब्दी सम्मेलन (नॉलेज मिलेमियम समिट) में पेश इस रिपोर्ट में बताया गया है कि कैसे कुछ कंपनियों ने खाद्य वस्तुओं को प्रभावित करनेवाली मांग-आपूर्ति की चुनौती को नवोन्मेष के जरिए बिजनेस का मौका बना लिया है। इनके बिजनेस म़ॉडल सेऔरऔर भी