तीन साल पुराने लेहमान ब्रदर्स के प्रेत ने हमारे निवेशकों व ट्रेडरों के मन को अभी तक अवांछित नकारात्मकता से भर रखा है। अमेरिका के ऋण संकट को यहां इतनी संजीदगी से देखा जा रहा था जैसे भारत व एशिया के निवेशकों ने ही अमेरिका को सारा उधार दे रखा हो और कोई भी संभावित डिफॉल्ट उनका धन स्वाहा कर देगा। यह निराशावाद की इंतिहा है और मेरी राय में अगर कोई निवेशक जोखिम नहीं उठा सकताऔरऔर भी