उम्मीदों की बाढ़ है, सोचता कोई नहीं
हल्ला है कि मोदी के राज में सरकारी कंपनियां बेहतर काम करेंगी। यही वजह है कि पिछले तीन महीनों में बीएसई सेंसेक्स जहां 12.7% बढ़ा है, वहीं बीएसई पीएसयू सूचकांक 39.7% बढ़ गया। पर क्या सरकारी दखल के हट जाने में वाकई वो चमत्कार है कि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां चमकने लगेंगी? सोचिए, क्या सरकारी बैंकों के गले में फंसे 1.64 लाख करोड़ रुपए के डूबत ऋण की समस्या यूं ही सुलझ जाएगी? अब वार मंगल का…औरऔर भी