यूपीए सरकार भले ही ढिंढोरा पीटती रहे कि उसने कृषि को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रखी है, लेकिन बजट 2012-13 के दस्तावेजों से साफ है कि वह केंद्रीय आयोजना व्यय का महज 2.71 फीसदी हिस्सा कृषि व संबंधित गतिविधियों पर खर्च करती है। नए वित्त वर्ष 2012-13 में कुल केंद्रीय आयोजना व्यय 6,51,509 करोड़ रुपए का है। इसमें से 17,692.37 करोड़ रुपए ही कृषि व संबंद्ध क्रियाकलापों के लिए रखे गए हैं। इन क्रियाकलापों में फसलों से लेकरऔरऔर भी

देश में पिछले दस सालों में 22,135 करोड़ रुपए के फसल बीमा दावों का निपटान किया गया है। इससे 4.86 करोड़ किसानों को लाभ मिला है। केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने 19 जनवरी 2012 तक उपबल्ध जानकारी के आधार पर बताया है कि फसल बीमा दावों में 4099 करोड़ रुपए के साथ आंध्र प्रदेश पहले नंबर पर रहा। इसके बाद गुजरात (3917 करोड़ रुपए), राजस्थान (2621 करोड़ रुपए), महाराष्ट्र (1873 करोड़ रुपए), बिहार (1794 करोड़ रुपए) और कर्नाटकऔरऔर भी

पिछले 11 सालों में देश के 17.61 किसानों को राष्‍ट्रीय कृषि बीमा योजना (एनएआईएस) के तहत फसल का बीमा कवर दिया गया है। कृषि मंत्रालय के ताजा आकड़ों के अनुसार एनएआईएस के तहत रबी मौसम 1999-2000 से रबी मौसम 2010-11 तक कुल 17.61 करोड़ किसानो का बीमा किया गया है। इस योजना के तहत पिछली 23 फ़सलों के दौरान 21,459 करोड़ रूपए मूल्‍य के दावे निपटाए गए हैं, जिससे 4.76 लाख किसानों को लाभ पहुंचा है। योजनाऔरऔर भी