अमेरिका की एक सरकारी रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत नकली मुद्रा के बढ़ते प्रवाह से जूझ रहा है जिसका प्रमुख स्रोत पाकिस्तान है और इस मुद्रा का इस्तेमाल आतंकवाद व आपराधिक नेटवर्क अपनी गतिविधियां चलाने के लिए करते हैं। इस स्थिति पर चिंता जताते हुए अमेरिकी विदेश विभाग की वर्ष 2011 की अंतरराष्ट्रीय मादक पदार्थ नियंत्रण रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘भारत बड़े पैमाने पर नकली मुद्रा के बढ़ते प्रवाह से जूझ रहा है जोऔरऔर भी

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भ्रष्टाचार के खिलाफ लंबे समय से आवाज उठाने वाले सामाजिक कार्यकर्ता अण्णा हजारे को लोकपाल विधेयक पर चर्चा करने के लिए आमंत्रित किया है। अन्ना हजारे ने सशक्त लोकपाल विधेयक बनाए जाने में सरकार के विफल होने की स्थिति में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर जाने की धमकी दे रखी है। प्रधानमंत्री कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री ने हजारे को इस विधेयक से संबंधित चर्चा के लिए बुलाया है। इस संबंध मेंऔरऔर भी

बीएसई सेंसेक्स 623 अंक उठा था तो हिचकी का आना लाजिमी था। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम की चिंता में बाजार 128 अंक गिरकर खुला। फिर 157 अंक ऊपर चढ़ गया। और, फिर चौरस हो गया। इस बीच बाजार के स्वघोषित वित्त मंत्री (एनालिस्ट) बजट की मीनमेख निकालने में जुटे हैं। खासकर राजकोषीय घाटे के लक्ष्य के बारे में उनका कहना है कि इसे हासिल नहीं किया जा सकता। ऐसी ही गलती सीएलएसए ने 2003औरऔर भी

आलोचकों की आलोचनाओं को धता बताते हुए बाजार में बजट का उत्साह कायम है। मंगलवार को सेंसेक्स और निफ्टी साढ़े तीन फीसदी बढ़ गए। वैसे, सच कहूं तो हमें इस बात की कतई परवाह नहीं करनी चाहिए कि कोई बजट के बारे में क्या कह रहा है क्योंकि हकीकत यही है कि इस बार का बजट पिछले साल से बेहतर है और ऐसे सुधारों से भरा हुआ है जो शेयर बाजार को नई ऊंचाई पर ले जाऔरऔर भी

वित्त वर्ष 2011-12 का बजट देश और देश की अर्थव्यवस्था के हित में है। शेयर बाजार अभी इसे अपने हित में मानता है या नहीं, इससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ता क्योंकि आखिरकार अर्थव्यवस्था ही बाजार की भी मजबूती का आधार बनती है। फिर आज अगर बीएसई सेंसेक्स करीब 600 अंक उछला है तो जरूर बाजार ने भी इसका अहसास किया है। हालांकि सेंसेक्स बाद में केवल 122.49 अंकों या 0.69 फीसदी की बढ़त के साथ 17,823.40 परऔरऔर भी

मेरी मानिए तो आज सिर्फ और सिर्फ बजट को देखिए। देखिए कि बाजार उसे कैसे लेता है और सोचते रहिए कि भविष्य के निवेश की प्लानिंग कैसे करेंगे। वैसे तो बजट के सारे दस्तावेज आपको सरकार की खास वेबसाइट पर मिल जाएंगे। लेकिन मेरा कहना है कि 11 बजे से लोकसभा में वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी के भाषण को ध्यान से सुन लेंगे तो मोटामोटी तस्वीर साफ हो जाएगी। निवेश के लिहाज से बजट में क्या देखा-सुनाऔरऔर भी

आर्थिक समीक्षा ने अच्छे बजट की जमीन तैयार कर दी है। वित्त वर्ष 2011-12 में 9 फीसदी आर्थिक विकास की दर। कृषि और इंफ्रास्ट्रक्टर पर जोर। चालू खाते के घाटे को कम करने की चिंता जो वित्त मंत्री को विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) को खुश रखने को मजबूर किए रहेगी। मल्टी ब्रांड रिटेल में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की इजाजत। बीमा व बैंकिंग क्षेत्र के सुधार। काले धन और भ्रष्टाचार के खिलाफ ठोस कदम। ऊपर से हल्के सेऔरऔर भी

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भ्रष्टाचार के खिलाफ कडा रूख अख्तियार करते हुए कहा है कि 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले और राष्ट्रमंडल खेल आयोजन में घपला करने वाले किसी भी शख्स को बख्शा नहीं जाएगा और कानून अपना काम करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि सार्वजनिक जीवन को साफ-सुथरा करने के लिए सरकार हरसंभव प्रयास करेगी। गुरुवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव की चर्चा पर जवाब देते हुए सिंह ने कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीएऔरऔर भी

उलटी गिनती शुरू हो चुकी है। बजट से पहले केवल एक कारोबारी दिन बचा है। लेकिन बाजार में छाई निराशा सुरसा के मुंह की तरह विकराल होती जा रही है। निफ्टी आज साढ़े तीन फीसदी से ज्यादा गिरकर 5242 तक चला गया। सेंसेक्स भी 600 अंक से ज्यादा गिरकर 17,560 तक पहुंच गया। हालांकि बंद होते-होते बाजार थोड़ा संभला है। इस गिरावट के पीछे खिलाड़ियों के खेल अपनी जगह होंगे। लेकिन ट्रेडर और निवेशक अब नए फेरऔरऔर भी

बाजार तलहटी पकड़ चुका है। निराशा अपने चरम पर पहुंच चुकी है। निवेशक फिलहाल स्टॉक्स से कन्नी काट रहे हैं। इनमें भी जो छोटे निवेशक हैं वे डेरिवेटिव सेगमेंट में मार्क टू मार्केट की अदायगी के लिए जो कुछ भी पास में है, उसे बेचे जा रहे हैं। मैं कल आम निवेशकों के मूड का पता लगाने के लिए गुजरात में तीन छोटी जगहों पर गया था। मैंने पाया कि यह बात उनके मन में कहीं गहरेऔरऔर भी