कहते हैं कि दूध का जला, छाछ भी फूंक कर पीता है। पिछले दिनों पेंशन बिल और कंपनी बिल को राजनीतिक विरोध के चलते वापस लेने पर मजबूर हुई सरकार अब आर्थिक सुधार संबंधी विधेयकों पर आम सहमति बनाने की वकालत करने लगी है। वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि सरकार आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाने के प्रति वचनबद्ध है और आर्थिक महत्व के विधेयकों पर राजनीतिक आम सहमति बनाने में लगी है। लेकिन उन्होंनेऔरऔर भी

कंपनी विधेयक, 2009 के संसद के चालू सत्र में पारित होने की संभावना नहीं है। कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय का कहना है कि संसद की अवधि घटा दी गई है, इसलिए इस विधेयक के चालू सत्र में पारित होने की संभावना नहीं है। कंपनी विधेयक, 2009 करीब 50 साल पुराने कंपनी अधिनियम, 1956 की जगह लेगा। वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने बजट भाषण में बताया था कि कंपनी विधेयक चालू बजट सत्र में पेश कर दिया जाएगा। कंपनीऔरऔर भी