जाल संयोग का
2010-10-20
इतने सारे लोग, इतनी सारी शक्तियां और उनके बीच के इतने सारे संबंध। इन्हीं के प्रभाव से चलता है वर्तमान और भविष्य। हम जटिलता के इस सघन जाल को भेद नहीं पाते तो उसे किस्मत या संयोग कह देते हैं।और भीऔर भी
इतने सारे लोग, इतनी सारी शक्तियां और उनके बीच के इतने सारे संबंध। इन्हीं के प्रभाव से चलता है वर्तमान और भविष्य। हम जटिलता के इस सघन जाल को भेद नहीं पाते तो उसे किस्मत या संयोग कह देते हैं।और भीऔर भी
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