संयोगों के सहारे
2011-09-03
जब कुछ भी साफ समझ में न आए तो खुद को संयोगों के भरोसे छोड़ देना चाहिए। वैसे भी हमारी जिंदगी में सच कहें तो 20% ही योजना और 80% संयोग काम करते हैं। इसे मान लेने में क्या हर्ज है?और भीऔर भी
संयोग का खेल
2011-08-09
छोटी-छोटी बातों में पैटर्न खोजना अच्छी बात नहीं है। पूरे संदर्भ के बिना पैटर्न हमेशा गलत निष्कर्षों या अंधविश्वास की तरफ ले जाते हैं। इसलिए पैटर्न बनता भी है तो उसे संयोग मानकर छोड़ देना चाहिए।और भीऔर भी








