इंसान की नज़र की सीमा है कि वह रैखिक ही देख सकता है। इसलिए रैखिक ही सोचना सहज है। लेकिन हकीकत यह है कि इस दुनिया में ही नहीं, पूरी सृष्टि में हर चीज का आकार आखिरकार गोल है। इसलिए सहज सोच अक्सर कारगर नहीं साबित होती।और भीऔर भी

वजह चाहे जो भी हो, इस सृष्टि में सभी चीजें गोल हैं, सीधी नहीं। लेकिन हमारी नजरें सीधी देखती हैं। इसलिए हमारा क्षितिज हमेशा बंधा रहता है। पूरा सच देखने के लिए सतह से ऊपर उठना जरूरी है।और भीऔर भी