छुटपन में मां, फिर बाप और फिर शरीर ही हमारा खेवैया होता है। इसे शराब के क्षार, धूम्रपान व तंबाकू की घुटन और भोजन की अशुद्धता से अस्थिर रखेंगे तो वह सहजता से कैसे हमारा ख्याल रख पाएगा!और भीऔर भी