बाजार में आज जमकर अफवाह चली कि भारत के वॉरेन बफेट माने जानेवाले प्रमुख निवेशक राकेश झुनझुनवाला (आरजे) चांदी की ट्रेडिंग में बुरी तरह फंस गए हैं और इसमें हुए नुकसान की भरपाई के लिए तमाम कंपनियों में अपना निवेश निकाल रहे हैं। मेरी समझ से यह मंदडियों द्वारा फैलाई गई अफवाह है। हालांकि यह सच है कि आरजे ने डेल्टा कॉर्प और वीआईपी इंडस्ट्रीज जैसे कुछ स्टॉक्स में अपनी होल्डिंग घटाई है क्योंकि अभी इनका मूल्यांकनऔरऔर भी

अमेरिका के डाउ जोंस सूचकांक मे 600 अंकों की भारी गिरावट ने आखिरकार भारत व एशिया में आई गिरावट की बराबरी कर दी। भारत का बाजार पिछले दस महीनों से गिर रहा था, जबकि डाउ जोंस खुद को मजबूती से 12300 पर टिकाए हुए था। लेकिन अब उसे असली झटका लग चुका है। असल में विकसित देशों को लौटकर गया धन अब वहां से निकलकर फिर से भारत उभरते बाजारों की तरफ बढ़ रहा है। खैर, हमारेऔरऔर भी

भारत के 55 अरबपति (डॉलर में) विश्व प्रसिद्ध पत्रिका फोर्ब्स द्वारा जारी दुनिया के सबसे अमीरों की ताजा सूची में शामिल हो गए हैं। भारत में सबसे आखिरी पायदान पर एक अरब डॉलर की बराबर संपत्ति के साथ चार लोग हैं – रमेश चंद्रा (रीयल एस्टेट), अनु आगा (इंजीनियरिंग), आश्विन दानी (पेंट), हरिंदर पाल बग्गा (जिंस) और मोफतराज मुनोत (रीयल एस्टेट)। ये चारों दुनिया के अमीरतम लोगों में 1040वें नंबर पर हैं। इस बार सबसे अमीर भारतीयोंऔरऔर भी

फंडामेंटल अमूमन शॉर्ट टर्म या छोटी अवधि में नहीं चलते और टिप्स ज्यादातर लंबी अवधि में नहीं चलतीं। इसलिए टिप्स के पीछे ट्रेडर भागते हैं, जबकि निवेशकों को हमेशा कंपनी का मूलाधार या फंडामेंटल्स देखकर ही निवेश करना चाहिए। लेकिन शेयर बाजार से कमाई वही लोग कर पाते हैं तो समय पर बेचने की कला सीख लेते हैं। यह कला अभ्यास, अनुभव और लक्ष्य बांधने से आती है। अक्सर ऐसा होता है कि कोई शेयर 45 फीसदीऔरऔर भी