अभी तक अगर किसी हाउसिंग सोसायटी में प्रॉपर्टी टैक्स वगैरह निकालकर प्रति सदस्य महीने का मेन्टेनेंस शुल्क 3000 रुपए तक है तो इस पर कोई सर्विस टैक्स नहीं लगता। नए वित्त वर्ष 2012-13 में सर्विस टैक्स की छूट की यह सीमा प्रति सदस्य 5000 रुपए कर दी गई है। हालांकि वित्त मंत्री ने अपने भाषण में इसे फ्लैट में रहनेवाले सदस्य के मासिक शुल्क में टैक्स छूट की बात कही है और स्पष्ट नहीं किया है किऔरऔर भी

हर खासो-आम यही तलाशने में लगा है कि उसे बजट 2012-13 से क्या मिला। कंपनियों और धंधे वालों की बात अपनी जगह है। लेकिन अगर हम नौकरीपेशा लोगों की बात करें तो आयकर के नए प्रावधानों का सबसे ज्यादा फायदा साल भर में आठ से दस लाख कमानेवालों को होगा। बजट में आयकर छूट की सीमा 1.80 लाख रुपए से बढ़ाकर दो लाख रुपए सालाना कर दी गई है। हालांकि संसदीय समिति ने इसे तीन लाख करनेऔरऔर भी

चुनाव न होते तो बजट का रहस्य 16 दिन पहले ही खुल जाता। चलिए, इससे वित्त मंत्री और उनके अमले को अपने प्रस्तावों को ठोंक-बजाकर दुरुस्त करने के लिए ज्यादा वक्त मिल गया। लेकिन हम तो उन्हीं के भरोसे हैं तो हमें क्या वक्त मिलना और क्या न मिलना! इतना तय है कि बजट की एक-एक लाइन किसी न किसी रूप में कंपनियों के धंधे पर असर डालती है और इसका सीधा असर उनके शेयरों पर पड़ेगा।औरऔर भी

घटती विकास दर की हकीकत और आगे बढ़ जाने की उम्मीद के बाद वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी देश का 81वां आम बजट शुक्रवार को संसद में पेश कर रहे हैं। आम नौकरीपेशा लोगों को उम्मीद है कि आयकर छूट की सीमा 1.80 लाख से बढ़ाकर 3 लाख रुपए की जा सकती है तो कॉरपोरेट क्षेत्र को लगता है कि एक्साइज ड्यूटी को 10 से 12 करके उनको पहले दी गई राहत वापस ले ली जाएगी। वहीं अर्थशास्त्रीऔरऔर भी

रीयल एस्टेट अर्थव्यवस्था का बड़ा ही बदनाम क्षेत्र बना हुआ है। खुद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह यह बात स्वीकार कर चुके हैं कि सबसे ज्यादा काला धन रीयल एस्टेट के धंधे में लगा हुआ है। सूत्रों के मुताबिक इस कालिख को साफ करने के लिए वित्त मंत्री बजट 2012-13 में रीयल एस्टेट को उद्योग का दर्जा देने का ऐलान कर सकते हैं। रीयल एस्टेट में लगे लोगों का मानना है कि उद्योग का दर्जा न मिलना इस धंधेऔरऔर भी

आम बजट की तारीख का फैसला भले ही अब तक न हुआ हो, लेकिन उसकी उल्टी गिनती शुरू हो गई है। 2012-13 के बजट की तैयारी के सिलसिले में वि‍त्‍त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने बुधवार को कृषि क्षेत्र के नुमाइंदों के साथ मुलाकात की। यह बजट पर विचार-विमर्श के लिए की गई पहली बैठक थी। बैठक में वित्त मंत्री ने कहा कि कृषि हमारी कार्य-शक्ति के 58 फीसदी हिस्से को रोजगार देता है। यह आंकड़ा काफी अहमऔरऔर भी