गलत पर गलत तो सही कैसे होता
इनफोसिस के खराब नतीजे, औद्योगिक उत्पादन सूचकांक का कम रहना और दुनिया के बाजारों की खराब हालत, खासकर इटली पर घहराता ऋण संकट। इन सब नकारात्मक कारकों ने पूंजी बाजार के लिए आज के दिन को निराशा में डुबो डाला। इसका भरपूर असर निफ्टी पर दिखा। खुला ही करीब 60 अंक गिरकर। दिन के दौरान हालत बिगड़ती गई। नतीजतन बाजार में बड़े पैमाने पर बिकवाली हुई। निफ्टी कुल 89.95 अंक या 1.60 फीसदी की गिरावट के साथऔरऔर भी
टैगोर की सारी कृतियां अब मिलेंगी एक साथ
गुरूदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर के साहित्य प्रेमियों के लिए इससे अच्छी खबर भला और क्या होगी कि नोबेल पुरस्कार से सम्मानित इस रचनाकार की संपूर्ण कृतियों को अब एक साथ लाया गया है। इस साल टैगोर की 150वीं जयंती मनाई जा रही है और पेंग्विन इंडिया ने इस अवसर पर गुरूदेव की 21 किताबों को विशेष रूप से छांटकर संग्रह के रूप में पेश किया है। इस संग्रह का नाम प्रकाशन संस्थान ने ‘पेंग्विन टैगोर बुकशेल्फ’ रखा है।औरऔर भी
मिड व स्मॉल कैप का रंग चोखा क्यों!
यह कोई अप्रैल फूल की बात नहीं है। बाजार जब 5200 पर था, तभी मुझे यकीन था कि यह 6000 की तरफ बढ़ेगा और इसने ऐसा कर दिखाया। मार्च काफी घटनाप्रधान महीना रहा, जब बजट और जापान ने बाजार को घेरे रखा। बजट ने माहौल बनाया तो जापान की आपदा ने शॉर्ट के सौदागरों को खेलने का मौका दे दिया। लेकिन बाजार जब अपना रुख पलटकर 200 दिनों के मूविंग औसत (डीएमए) के पार चला गया तोऔरऔर भी
दिमाग का दस्तूर
किताबों में अच्छी बातें पढ़ते हैं। ज्ञान की अच्छी बातें सुनते हैं। लेकिन चंद दिनों में वे उड़ जाती हैं। इसलिए क्योंकि दिमाग तो काम की जरूरी बातें ही सजोकर रखता है। इसलिए पहले जरूरत बढ़ाओ बंधुवर!और भीऔर भी






