इसे बढ़ी हुई ब्याज दरों का असर कहें या औद्योगिक सुस्ती का नतीजा, लेकिन आंकड़े गवाह हैं कि इस साल औद्योगिक क्षेत्र को बैंकों से मिले ऋण में अभी तक पिछले साल के मुकाबले 55,138 करोड़ रुपए कम बढ़त हुई है। चालू वित्त वर्ष 2011-12 में 4 नवंबर तक बैंकों द्वारा दिया गया गैर-खाद्य ऋण या दूसरे शब्दों में मैन्यूफैक्चरिंग व उपभोक्ता क्षेत्र को दिया गया ऋण 2,25,211 करोड़ रुपए बढ़ा है, जबकि बीते वित्त वर्ष 2010-11औरऔर भी