समूह ठीक, पर अकेले भी कम नहीं
अक्सर हम जैसे आम ट्रेडरों का छोटा-मोटा ग्रुप होता है। यह ग्रुप आपसी राय से सौदे करता है। सभी लगभग समान इंडीकेटरों का इस्तेमाल करते हैं। यह समूह में चलने की सहज पशु-वृत्ति है। इसमें कोई बुराई नहीं। लेकिन समूह के फेर में पड़कर हम मतिभ्रम का शिकार भी हो सकते हैं। फिर, आज इंटरनेट जैसी टेक्नोलॉजी ने सब कुछ इतना व्यवस्थित कर दिया है कि हम अकेले बहुत कुछ कर सकते हैं। अब बुधवार का वार…औरऔर भी