किराये का मकान है। यहां अपनी निशानियां पीछे छोड़कर क्यों जाने का? न जाने कैसे लोग आएं, इनके साथ क्या सलूक करें, क्या पता! इसलिए सब कुछ समेट लेने का, एक-एक निशान मिटा देने का।और भीऔर भी