नहीं पता कि मकबूल फिदा हुसैन झूठ बोलते थे या बुढ़ापे में उनकी याददाश्त कमजोर पड़ गई थी। दिसबंर 2006 में एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि नंगे पांव रहना उन्होंने 1964 में मशहूर कवि गजानन माधव मुक्तिबोध की अंत्येष्टि के दिन से शुरू किया था। दिल्ली में अंतिम दर्शन के दौरान उन्हें यह जानकर सदमा लगा कि तब तक इतने महान कवि की एक भी रचना नहीं छपी थी। इस दुख में उन्होंने अपने जूतेऔरऔर भी