सेल्समैन के लिए फेंकना ज़रूरी होता है। धंधा चलाने के लिए उसे ऐसी बातों तक का दावा करना पड़ता है जो उसके वश में नहीं हैं। लेकिन धंधे के गुण अगर उसके आंतरिक स्वभाव का हिस्सा बन गए तो वह सफल ट्रेडर नहीं बन सकता। कारण, ट्रेडिंग में सफलता के लिए रिस्क लेते वक्त शांत रहना और सोच-समझकर फैसला करना पड़ता है। यहां बड़बोड़ापन या अतिविश्वास आपको घाटे में डुबो सकता है। पकड़ें अब सोमवार की नब्ज़…औरऔर भी

जहां खटाखट पाने का लालच जितना बड़ा होता है, वहां उतनी ही तादाद में ठगों का जमावड़ा जुटता है। चाहे वो गया में पिंडदान करानेवाले पंडे हों या बनारस के खानदानी ठग। शेयर व कमोडिटी बाज़ार में लालच जबरदस्त है तो यहा भी ठगों की कमी नहीं। कोई लूटता टिप्स के नाम पर तो कोई सिखाने के नाम पर। बड़ी-बड़ी बातें। एक से एक गुरुघंटाल। आप करें चमत्कार को दूर से नमस्कार। हम देखें गुरुवार की दशा-दिशा…औरऔर भी

ट्रेडिंग में अगर हर दिन नोट बनने लगें तो इससे अच्छा क्या हो सकता है? हर कोई यही चाहता है। लेकिन नोटों के पीछे भागने से कभी आप खुश नहीं सकते क्योंकि सारी दुनिया का धन कभी आपके पास नहीं आ सकता। कामयाब/प्रोफेशनल ट्रेडर धन के पीछे नहीं भागता। वह अक्सर ट्रेडिंग पर बकबक भी नहीं करता। वो बड़े धीरज से कमाता है ताकि जीवन में कुछ दूसरी महत्वपूर्ण चीजें कर सके। अब नए सप्ताह का आगाज़…औरऔर भी

संख्याएं, गणनाएं और सिद्धांत मानव जाति से अपनी सुविधा के लिए बनाए हैं। इनसे सच को कुछ हद तक समझा जा सकता है, उस पर सवारी नहीं गांठी जा सकती। इसलिए कुछ लोग अगर फिबोनाच्ची संख्याओं और इलियट-वेव सिद्धांत का भौकाल बनाकर 61.8%, 38.2% या 23.6% वापसी की बात करते हैं तो वे या खुद मूर्ख हैं या आपको मूर्ख बना रहे हैं। भाव डिमांड और सप्लाई के हिसाब से ही चलते हैं। अब आज का बाज़ार…औरऔर भी

आज बाज़ार अगर बढ़ा तो बताया जाएगा कि चार राज्यों के चुनाव नतीजों ने अगले आम चुनाव में मोदी को लाने का जबरदस्त संकेत दिया है। बाज़ार गिरा तो कहा जाएगा कि अमेरिका में नवंबर माह में उम्मीद से ज्यादा रोज़गार पैदा हुआ और बेरोजगारी की दर घटकर पांच साल के न्यूनतम स्तर 7% पर आ गई। इसलिए अमेरिकी केंद्रीय बैंक सस्ते धन का प्रवाह रोक सकता है। यह सब कहने की बातें हैं। देखें असली दांवपेंच…औरऔर भी

आप भीड़ का हिस्सा बने रहे, उसी तरह सोचते रहे तो हमेशा वोटर और उपभोक्ता ही बने रहेंगे, नेता-विजेता कभी नहीं बनेंगे। कंपनियां और राजनीतिक पार्टियां आपकी सोच पर अपना साम्राज्य खड़ा करती रहेंगी। आपको अपना बिजनेस खड़ा करना है तो भीड़ की सोच से ऊपर उठना पड़ेगा, भीड़ की सोच से खेलना पड़ेगा। जो ट्रेडर इस खेल में पारंगत हो जाता है, वो ऐश करता है। बाकी आते हैं, क्रैश कर जाते हैं। अब चलें आगे…औरऔर भी

शेयरों में ट्रेडिंग से शांत मनवाले ही कमा पाते हैं। एक विशेषज्ञ ने बताया कि कुल मिलाकर गिनें तो ट्रेडिंग के दस लाख तरीके निकल आएंगे। इसलिए ‘किसको पकड़ूं, किसको छोड़ूं’ के भ्रम में पड़े लोग आदर्श तरीके की खोज में ज़िंदगी भर भटकते रह जाते हैं, कभी ट्रेडिंग नहीं कर पाते। करने पर घाटा खाते हैं तो फिर आदर्श की तलाश में भटकने लगते हैं। अहम है रिस्क और प्रायिकता को समझना। अब आज की बात…औरऔर भी

आप ऐसे ट्रेडर तो नहीं जो खुद का नुकसान करने पर आमादा है? ट्रेडिंग से हुए फायदे-नुकसान का ग्राफ बनाएं। अगर कुल मिलाकर ग्राफ का रुख ऊपर है तो आप सही जा रहे हैं। अन्यथा, तय मानिए कि आप बाज़ार की चाल नहीं पकड़ पा रहे और अपना ही नुकसान करने की फितरत के शिकार हैं। गहराई से सोचिए और अपने नज़रिए की पड़ताल कीजिए। इस बीच सौदों का साइज़ फौरन घटा दीजिए। अब रुख बाज़ार का…औरऔर भी

आज बजट का दिन है। 11 बजे से लेकर बजट भाषण खत्म होने तक पूरे बाज़ार के कान इसी पर लगे रहेंगे कि वित्त मंत्री चिदंबरम क्या बोलते हैं। उनकी एक भी नकारात्मक घोषणा बाज़ार का बंटाधार कर सकती है। लेकिन ऐसा होने की गुंजाइश कम है। इधर स्टॉक एक्सचेंज, खासकर बीएसई चाहता है कि जिंसों के सौदों पर कमोडिटी ट्रांजैक्शन टैक्स लगाया जाए। ऐसा होने का पूरा अंदेशा है। पर, शेयर बाजार के लिए माकूल घोषणाएंऔरऔर भी

साल 2012 का पहला आईपीओ (शुरुआती पब्लिक ऑफर) बड़े ही धमाकेदार अंदाज में आ रहा है। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (एमसीएक्स) का इश्यू बुधवार को खुलेगा और प्राइस-बैंड 860 से 1032 रुपए रखा गया है। लेकिन ग्रे मार्केट में अभी से इसमें ऊपरी मूल्य पर 350 से 400 रुपए का प्रीमियम चल रहा है। इससे आईपीओ के प्रति निवेशकों के रुझान का अंदाज़ा लगाया जा सकता है। निवेशकों को इस इश्यू से शुरुआत में हीऔरऔर भी