याद रखें कि शेयर बाज़ार अपने-आप में कुछ नहीं। वो अंततः अर्थव्यवस्था की छाया है। हमारी अर्थव्यवस्था अभी उस मुकाम है जहां से उसकी अनंत संभावनाएं खुलने जा रही हैं। मंथन चल रहा है। तलहटी में पड़े मुद्दे उभर कर सामने आ रहे हैं। पूरा देश समाधान खोजने में लगा है। विदेश गई प्रतिभाएं वापस आती जा रही हैं। अब भविष्य किसी सरकार का मोहताज नहीं। ऐसे में तथास्तु लगा है अच्छी कंपनियां चुनकर सामने लाने में…औरऔर भी