फकीर बोला, “मुझमें, तुझमें कोई फर्क नहीं। बस, समय और फासले का फेर है। मैं सच तक पहुंच चुका हूं, जबकि तू अभी रास्ते में हैं। तू भी यहां पहुंचकर वही बोलेगा। फिर बहस क्यों? जिरह का क्या तुक!”और भीऔर भी

बाजार के हालात सचमुच खराब हों या न हों, लेकिन भाई लोगों ने अफवाहों का चक्रवात चलाकर पूरे माहौल को बहुत भयावह बना दिया है। वे बता रहे हैं कि स्टैंडर्ड एंड पुअर्स ने 3 अक्टूबर 2008 को क्या आंकड़े पेश किए थे और अब उसी ने 3 अक्टूबर 2011 को क्या आंकड़े पेश किए हैं। संयोग से दोनों आंकड़े कमोबेश एक जैसे हैं और लेहमान संकट के समय आए ध्वंस की याद दिला रहे हैं। एकऔरऔर भी