बाज़ार में अमूमन तीन तरह की टिप्स चलती हैं। एक जो ट्रेंड की दिशा में चलाई जाती है। ऐसा सभ्य किस्म के ब्रोकरेज हाउस करते हैं। हालांकि अक्सर वे रिटेल को खरीदने तो संस्थाओं से बेचने को कहते हैं। दूसरी जो अंदरूनी खबर, एफआईआई या नामी निवेशकों की खरीद के नाम पर उड़ाई जाती है। तीसरी ऑपरेटर अपनी पकड़ वाले स्टॉक्स में चलाते हैं। इनमें सबसे खतरनाक यही तीसरी टिप्स होती है। इनसे बचें तो शुक्र मनाएं…औरऔर भी

जो कोई शेयर बाज़ार को औद्योगिकीकरण से काटकर देखता है, वो सच्चाई से बहुत दूर हैं। और, जो भी सच्चाई से दूर रहता है, सच उससे इस अनदेखी की भरपूर कीमत वसूलता है। साथ ही चीजों को संपूर्णता में समझना होता है। सांस लेना और छोड़ना, लहर का उठना और गिरना। ऐसा उतार-चढ़ाव न हो तो जीवन ही न चले। ट्रेडिंग को जीवन की इसी लयताल के साथ जोड़कर समझिए। अब देखें पृष्ठभूमि गुरुवार की और आगे…औरऔर भी

इंसानी दिमाग बना ही ऐसा है कि वो सीधी-साफ चीजें चाहता है। भले ही ऐसी बातों में दम हो या न हो। इसी कमज़ोरी को पकड़ने के लिए टेलिविज़न न्यूज़ के एंकर इस तरह बात करते हैं जैसे उनको सर्वज्ञ हों। लेकिन इतना सरलीकरण आम जीवन में नहीं चलता तो फाइनेंस व शेयर बाज़ार की बात ही क्या। इसीलिए प्रोफेशनल ट्रेडर के लिए बिजनेस चैनलों को देखना तत्काल बंद करना ज़रूरी है। चलिए देखें सोमवार की संभावनाएं…औरऔर भी

मछली जल की रानी है, जीवन उसका पानी है। हाथ लगाओ, डर जाएगी। बाहर निकालो, मर जाएगी। बचपन में सुनी-बोली गई ये पंक्तियां आपको याद होंगी। ट्रेडिंग में कमाई हमारे हाथ से ऐसे ही छटकती रहती है। दुनिया भर में बहुतेरे लोगबाग तो इससे कमा ही रहे हैं! फिर आखिर हम ही क्यों चूक रहे हैं? कहां हो रही है हमसे भूल-गलती? कौन-से गुर हमारे पास नहीं हैं? सोचिएगा तो मिल जाएगा जबाव। अब हफ्ते का आगाज़…औरऔर भी