समय कितना बेरहम और भविष्य कितना अनिश्चित है! एनडीटीवी के अधिग्रहण के बाद जब हर तरफ अडाणी समूह की तूती बोल रही थी, उसकी शीर्ष कंपनी अडाणी एंटरप्राइसेज़ का 20,000 करोड़ रुपए का ऐतिहासिक एफपीओ (फॉलो-न पब्लिक ऑफर) आने ही वाला था, समूह के मुखिया गौतम अडाणी घूम-घूमकर मीडिया को इंटरव्यू दे रहे थे कि वे कितने ज़मीन से उठे उद्यमी और लोकतांत्रिक मूल्यों में आस्था रखनेवाले व्यक्ति हैं (यहां तक कि कुछ लोग दबी जुबान सेऔरऔर भी

जान-बूझकर बैंकों का लोन न लौटानेवाले मोदीराज में बराबर मनबढ़ होते जा रहे हैं। चालू वित्त वर्ष 202-21 की पहली छमाही (अप्रैल से सितंबर) में देश के सबसे बड़े आठ बैंकों के ऐसे लोन 37,000 करोड़ रुपए बढ़ गए हैं, जबकि पिछले साल के इन्हीं छह महीनों में उनके ऐसे लोन लगभग 10,000 करोड़ रुपए बढ़े थे। इस तरह साल भर पहले की तुलना में ऐसे लोन 270 प्रतिशत बढ़ गए हैं। यह सच देश में लोनऔरऔर भी