अक्षय तृतीया की शुभकामनाएं। परपंरा है कि इस दिन सोना खरीदा जाता है तो तमाम ज्वैलरों ने इसे भुनाने के लिए लुभावनी पेशकश कर रखी है। यहां तक कि गोल्ड ईटीएफ में ट्रेडिंग के लिए बीएसई और एनएसई ने बाज़ार को 7 बजे तक खुला रखा है। 9.15 से लेकर 3.30 तक सामान्य ट्रेडिंग, फिर 4.30 से लेकर 7 बजे तक विशेष ट्रेडिंग। सोना खरीदना ही हो तो गोल्ड ईटीएफ खरीदें। अब देखते हैं आज का बाज़ार…औरऔर भी

आखिरकार भारत वैश्विक झटके से धीरे-धीरे उबर रहा है। हालांकि हमारे मंदड़िए बाजार को तोड़कर नीचे से नीचे ले जाने की हरचंद कोशिश में जुटे हैं। वे इसमें कामयाब नहीं हो पाएंगे और उन्हें इसकी भारी कीमत चुकानी होगी। यह अलग बात है कि ऑपरेटरों व एफआईआई का खेल रह-रहकर अपना प्रताप दिखाता रहता है। बाजार के संचालकों के लिए ऑप्शंस में कॉल व पुट राइटिंग के ऊंचे और नीचे स्तर से फायदा कमाकर घर ले जानेऔरऔर भी

निफ्टी में 5000 का स्तर अपने अंदर हरसंभव नकारात्मकता को सोखे हुए हैं। फिर भी गिरावट से इनकार नहीं किया जा सकता क्योंकि लंबी कूद के लिए कुछ कदम पीछे तो जाना ही पड़ता है। जैसा कि सामने आ चुका है कि निफ्टी में 4800 की सीरीज में जमकर पुट ऑप्शन सौदे हुए है जो दिखाता है कि ज्यादातर मंदड़िए चाहते हैं कि अंततः रुख पलटने से पहले बाजार 4800 तक चला जाए। आज तो मंदड़ियों काऔरऔर भी

अमेरिका का डाउनग्रेड होना चाहिए था या नहीं, यह अब बहस का नहीं, इतिहास का मसला बन चुका है क्योंकि एस एंड पी उसकी संप्रभु रेटिंग को डाउनग्रेड कर एएए से एए+ पर ला चुकी है। हो सकता है कि एएए रेटिंग वाले दूसरे देशों को भी बहुत जल्द ही डाउनग्रेड कर दिया जाए। लेकिन क्या इस तरह के डाउनग्रेड से सब कुछ खत्म हो जाता है? ऐसा कतई नहीं है। दुनिया और बाजार चलते रहे हैं,औरऔर भी

अमेरिका के ऋण-संकट ने पूरी दुनिया के बाजारों की हालत पटरा कर दी है तो भारतीय बाजार कैसे सलामत बच सकता था। निफ्टी एक फीसदी से ज्यादा गिरकर 5500 के नीचे पहुंच गया। फिर भी मुझे लगता है कि अपने यहां असली तकलीफ रोल्स की है। चूंकि यह फिजिकल सेटलमेंट है नहीं, तो ट्रेडरों के पास कैश का अंतर भरने के अलावा कोई चारा नहीं है। यह हमारे बाजार में आई तीखी गिरावट का मूल कारण हैऔरऔर भी

बाजार कैसे और क्यों उठता-गिरता है, इसे परिभाषित करने के लिए आपको हमारी जरूरत नहीं है। यह तो आपको खुद समझना होगा। जहां तक हमारी बात है तो बाजार के 8000 अंक से 21,000 तक पहुंचने के अनुमान में हम एकदम सटीक रहे हैं और आगे आपको कम से कम 42,000 तक ले जाएंगे। हालांकि राकेश झुनझुनवाला ने किसी को बताया है कि बाजार 50,000 अंक तक जाएगा। मजे की बात यह है कि वे यहां बीएसईऔरऔर भी

बाजार (सेंसेक्स) खुला मुहूर्त से करीब 37 अंक बढ़कर, मगर बंद हुआ 152.58 अंक की गिरावट के साथ 20,852.38 पर जाकर। लेकिन घबराने की कोई बात नहीं। यह सब कुछ नहीं, बस मछली पकड़ने के जाल जैसा काम है। जाल को नीचे तक ले जाओ ताकि और मछलियां पकड़ में आ जाएं। बाजार अब पूरी तरह नियंत्रण में है और उतार-चढ़ाव इसलिए लाए जा रहे हैं ताकि आप यहां से वहां तक झूल, या कहें तो झूमऔरऔर भी

सेंसेक्स 18,600 पर पहुंच चुका है और एफआईआई बाजार में पैसा लगाए जा रहे हैं। यह उनका दोमुंहापन नहीं तो और क्या है। बिजनेस चैनलों पर वे कहते हैं कि 18,000 अंक पर बाजार महंगा है और दूसरी तरफ वे खुद खरीद किए जा रहे हैं। सच्चाई तो यह है कि वे सेंसेक्स के 26,000 होने तक भारत को नजरअंदाज नहीं कर सकते। इसकी तीन वजहें हैं। एक, भारत में वो सब कुछ है जिसके दम परऔरऔर भी

मानसून के समाप्त होने और त्यौहारी मौसम शुरू होने के साथ सीमेंट, रीयल्टी और इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र की कंपनियों के शेयरों में आनेवाले दिनों में तेजी आने की उम्मीद है। सीएनआई रिसर्च के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक किशोर पी ओस्तवाल ने एक समाचार एजेंसी से बातचीत में कहा, ‘‘मानसून के समाप्त होने और त्यौहारी मौसम शुरू होने के साथ सीमेंट, रीयल्टी और इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र की कंपनियों के शेयरों के प्रति निवेशकों की रूचि बढ़ेगी क्योंकि इन शेयरों सेऔरऔर भी

बाजार तेजी के नए दौर में प्रवेश कर चुका है। वोलैटिलिटी सूचकांक अब तक के सबसे न्यूनतम स्तर 18 फीसदी पर है। रीयल्टी स्टॉक्स की धूम है। दूसरा सेक्टर जिसमें बाजार तेजी की राह पकड़ रहा है, वह है सीमेंट। देखिएगा कि अगले तीन महीनों तक इस सेक्टर के स्टॉक कहां से कहां तक जाते हैं। मैं मानता हूं कि नवंबर से पहले एसीसी चार अंकों में चला जाएगा। बाकी आपको समझना है। निफ्टी सारी रुकावटें तोड़औरऔर भी