मैंने कल बिजनेस स्टैंडर्ड में एक रिपोर्ट पढ़ी जिसमें संवाददाता ने किसी शेयर को ट्रेड टू ट्रेड श्रेणी में डालने के तौर-तरीकों को लेकर स्टॉक एक्सचेंज के अधिकारियों पर कुछ खरे-खरे आरोप लगाए हैं। इसमें भ्रष्टाचार तक का आरोप शामिल है। इन आरोपों की वाकई जांच-पड़ताल की जानी चाहिए और पुष्टि के लिए प्रमाण भी जुटाए जाने चाहिए। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि किसी शेयर को ट्रेड टू ट्रेड से दोबारा सामान्य श्रेणी मेंऔरऔर भी

कोल इंडिया के आईपीओ के मूल्य-निर्धारण ने एफआईआई निवेश के जमकर आने का माहौल बना दिया है। इस इश्यू में बाहर से कम से कम 75,000 करोड़ रुपए आने की उम्मीद है। अगर विदेशी निवेशकों को कोल इंडिया के आईपीओ में आवंटन नहीं मिला तो वे इसके शेयर लिस्टिंग होने के बाद बाजार से खरीदेंगे। अगर कोल इंडिया का शेयर लिस्टिंग पर बहुत महंगा हो गया तो बाहर से आया यह धन एनएचपीसी, आरईसी और एनटीपीसी कीऔरऔर भी

कल माइक्रोसॉफ्ट के अच्छे नतीजों ने अमेरिकी बाजार को टॉप गियर में पहुंचा दिया। लेकिन आज सुबह से ही ईमेल आने शुरू हो गए कि स्पेन के 18 बैंक स्ट्रेस टेस्ट (प्रतिकूल हालात से निपटने की क्षमता की परीक्षा) में फेल हो गए हैं। चेतावनी दी गई कि मेटल सेक्टर गिरनेवाला है। ऐसी तमाम सारी हाय-हाय मचाई गई। आप अच्छी तरह समझ लें कि ये सब मंदड़ियों की कुंठा व हताशा है जो इस तरह की खबरोंऔरऔर भी

आखिरकार रोलओवर जाते-जाते थोड़ी तकलीफ दे ही गया। हालांकि निफ्टी खुद को 5300 के स्तर पर टिकाए रखने की कोशिश कर रहा है, लेकिन उसमें दम नहीं दिख रहा। वैसे तो हमने कल ही शॉर्ट कॉल (बेचने की सलाह) हटा दी थी, लेकिन निफ्टी के 5140 पर जाने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। इसी के मद्देनजर हमने कुछ ऐसी लांग कॉल (खरीदने की सलाह) दी हैं जिन्हें सबसे ज्यादा रक्षात्मक माना जाता है। जोऔरऔर भी