सरकारी परियोजनाओं में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) करोड़ों रुपए की खरीद करने वाले प्रमुख विभागों में बराबर तकनीकी सतर्कता ऑडिट करने पर विचार कर रहा है। सरकारी सूत्रों के अनुसार तकनीकी सतर्कता लेखा परीक्षकों (टीवीए) का एक दल गठित किया गया है, जो केंद्रीय सरकारी विभागों और उनकी खरीद प्रक्रिया का सतत ऑडिट करेगा। एक सूत्र ने बताया कि प्रमुख मंत्रालयों और विभागों की खरीदा के ऑडिट के लिए तकनीकी सतर्कताऔरऔर भी

पूंजी बाजार नियामक संस्था, सेबी ने निजी कंपनियों के मामले में केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की तर्ज पर भ्रष्टाचार निरोधक इकाई के रूप में काम करने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। सरकारी कंपनियों के मामले में सीवीसी भ्रष्टाचार निरोधक इकाई के रूप में काम करता है। सेबी ने अपनी पिछली बोर्ड बैठक में पेश किए गए एक ज्ञापन में यह राय जाहिर की है। भ्रष्टाचार के खिलाफ काम करने वाले अंतरराष्ट्रीय संगठन ट्रांसपैरेंसी इंटरनेशनल केऔरऔर भी

केंद्रीय सर्तकता आयोग (सीवीसी) का नया टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर 1964 एक महीने में चालू हो जाएगा। इस पर सातों दिन, चौबीसों घंटे घूसखोर अफसरों की शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। यह कॉलसेंटर जैसा होगा। लेकिन दिल्ली सरकार या उसके विभागों के खिलाफ यह हेल्पलाइन मददगार नहीं होगी क्योंकि वे सीवीसी के दायरे में नहीं आते। 1964 में गठित सीवीसी के अभी दो टोल-फ्री नंबर हैं 1800-11-1080 और 011-2465100। लेकिन इन पर सोम से शुक्र सुबह 9औरऔर भी

अभी तक केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) जैसी संस्थाएं ही खुद को लोकपाल के अधीन लाए जाने का विरोध कर रही थी। लेकिन अब प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी साफ कर दिया है कि लोकपाल का गठन हो जाने के बाद भी सीबीआई स्वतंत्र रूप से काम करती रहेगी। प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को राजधानी दिल्ली में सीबीआई और राज्यों के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के 18वें द्विवार्षिक सम्मेलन में कहा, “हमें आशा है किऔरऔर भी

सतर्कता प्रणाली को दुरुस्त करने और भ्रष्टाचार पर प्रभावी ढंग से अंकुश लगाने के लिए केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने मुख्य सतर्कता अधिकारियों के काम के आकलन समेत कई उपाय करने का निर्णय किया है। सीवीसी के अधिकारियों ने कहा कि आयोग ने सभी मंत्रालयों, विभागों, सार्वजनिक इकाइयों और बैंकों समेत केंद्र सरकार के अन्य प्रतिष्ठानों को सतर्कता संबंधी सभी गतिविधियों को कड़ाई के साथ रिपोर्ट करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि आयोग द्वारा मुख्यऔरऔर भी

केंद्रीय सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) पी जे थॉमस ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा अपनी नियुक्ति को अवैध ठहराए जाने के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। यह जानकारी खुद केंद्रीय कानून मंत्री एम वीरप्पा मोइली ने दी है। मोइली ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘थॉमस ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है और सुप्रीम कोर्ट ने भी उनकी नियुक्ति को अवैध ठहराया है।’’ थॉमस की नियुक्ति पर सुप्रीम कोर्टऔरऔर भी