स्वाभाविक है
2011-08-12
जो आनेवाले कल के सपने बुनते हुए जीते हैं, उनका आज अस्त-व्यस्त रहना स्वाभाविक है। जो गुजरे कल की नॉस्टैल्जिया में जीते हैं, उनका आज सीलन व घुटन भरा रहना भी उतना ही स्वाभाविक है।और भीऔर भी
जो आनेवाले कल के सपने बुनते हुए जीते हैं, उनका आज अस्त-व्यस्त रहना स्वाभाविक है। जो गुजरे कल की नॉस्टैल्जिया में जीते हैं, उनका आज सीलन व घुटन भरा रहना भी उतना ही स्वाभाविक है।और भीऔर भी
ये सीलन भरी बास, ये घुटे-घुटे विचार अच्छे नहीं लगते। सारे खिड़की दरवाजे खोल दो। हवाओं को आने दो, सवालों को आने दो। हवाएं सफाई का सरंजाम साथ लेकर चलती हैं और सवाल हर घुटन का जवाब।और भीऔर भी
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