इस साल सरकार के बाजार ऋण का इंतजाम करना काफी मुश्किल होगा। यह कहा है कि सरकार के मुख्य ऋण प्रबंधन रिजर्व बैंक ने अपनी सालाना रिपोर्ट में। गुरुवार को जारी इस रिपोर्ट में रिजर्व बैंक ने कहा है कि अभी तरलता की जैसी कसी हुई हालत है और बैंकों ने जिस तरह तय सीमा से ज्यादा निवेश एसएलआर प्रतिभूतियों (सरकारी बांडों) में कर रखा है, वैसे में सरकार द्वारा वित्त वर्ष 2011-12 के लिए निर्धारित बाजारऔरऔर भी