इतने सारे लोग, इतनी सारी शक्तियां और उनके बीच के इतने सारे संबंध। इन्हीं के प्रभाव से चलता है वर्तमान और भविष्य। हम जटिलता के इस सघन जाल को भेद नहीं पाते तो उसे किस्मत या संयोग कह देते हैं।और भीऔर भी

दिमाग में न जाने कितने विचलन, आग्रह-दुराग्रह भरे रहते हैं हम। इसलिए कि विरासत या संयोग से मिली सुरक्षा का कवच हमें बचाए रखता है। लेकिन खुलकर खिलना है तो यह कवच तोड़कर खुले में आना होगा।और भीऔर भी

एक जगह फिसड्डी बना इंसान दूसरी जगह जाते ही चमकने लगता है। सब सही प्लेसिंग का कमाल है। संयोग कभी-कभी आपकी सही प्लेसिंग कर देता है, पर अक्सर हमें अपनी जगह खुद बनानी पड़ती है।और भीऔर भी