मैंने कहा था कि निफ्टी का 5277 पर बंद होना रुख के पलटने का आगाज करेगा। निफ्टी फ्यूचर्स कल नीचे में 5295 तक चला गया और आज 5232 तक चला गया, जो इसका बंद स्तर भी है। हालांकि आज निफ्टी कैश सेगमेंट में 5382.05 तक ऊंचा जाने के बाद 1.22 फीसदी की गिरावट के साथ 5222.40 पर बंद हुआ। समाजवादी पार्टी को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत मिल चुका है तो कांग्रेस का साथ लेनाऔरऔर भी

जापान की निप्पन लाइफ इंश्योरेंस कंपनी रिलायंस म्यूचुअल फंड में भी 26 फीसदी इक्विटी खरीदेगी। यह सौदा 29 करोड़ डॉलर (1450 करोड़ रुपए) में हुआ है जो भारतीय म्यूचुअल फंड उद्योग में अब तक किया गया सबसे बड़ा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) है। इससे पहले अमेरिका की टी रोवे ने यूटीआई म्यूचुअल फंड में 26 फीसदी हिस्सा 14.24 करोड़ डॉलर और जापान की नोमुरा एएमसी ने एलआईसी म्यूचुअल फंड का 35 फीसदी मालिकाना 6.28 करोड़ डॉलर मेंऔरऔर भी

पहले स्वराज माज़्दा थी। इस साल 4 जनवरी से एसएमएल इसुज़ु हो गई। पहले स्वराज ब्रांड था। अब एसएमएल और इसुज़ु हो गया है। बस, ट्रक व अन्य व्यावसायिक वाहन बनाती है। भारत के अलावा नेपाल, बांग्लादेश, केन्या, तंजानिया, रवांडा, सीरिया व जॉर्डन जैसे तमाम देशों में अपने वाहन बेचती है। 1984 में सरकारी कंपनी पंजाब ट्रैक्टर्स व जापान की माज़्दा कॉरपोरेशन व सुमितोमो कॉरपोरेशन से साथ मिलकर शुरुआत की। फिलहाल सुमितोमो कॉरपोरेशन की सब्सिडियरी है क्योंकिऔरऔर भी

रिजर्व बैंक ने निजी कंपनियों या उद्योग समूहों को बैंक खोलने की इजाजत देने की तैयारी कर ली है। लेकिन अगर किसी भी कंपनी या समूह की आय या आस्तियों का 10 फीसदी या इससे ज्यादा हिस्सा रीयल एस्टेट या ब्रोकिंग के धंधे से आता है तो उसे बैंक खोलने की इजाजत नहीं होगी। रिजर्व बैंक ने सोमवार को निजी क्षेत्र को नए बैंकों को लाइसेंस देने के लिए जारी प्रारूप दिशानिर्देशों में यह प्रावधान किया है।औरऔर भी

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने अपने पास जमा 3.5 लाख करोड़ रुपए से अधिक के कोष का प्रबंधन करने के लिए फंड मैनजरों की नियुक्ति की समय सीमा दो महीने बढ़ाकर 31 अगस्त, 2011 कर दी है। यह निर्णय शुक्रवार को लिया गया। समय सीमा दूसरी बार बढ़ाई गई है। सूत्रों ने बताया, ‘‘ईपीएफओ के निर्णय करने वाले शीर्ष निकाय केन्द्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) ने विभिन्न फंड मैनजरों की नियुक्ति करने के लिए समय सीमा बढ़ाकरऔरऔर भी

अनिल अंबानी समूह की कंपनी रिलायंस सिक्यूरिटीज देश भर में वित्तीय साक्षरता के लिए चालू वित्त वर्ष के अंत तक 300 से ज्यादा निवेशक जागरूकता कार्यक्रम चलाएगी। उसका लक्ष्य 1.5 लाख निवेशकों तक पहुंचना है। पहले चरण में यह कार्यक्रम पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में चलाया जाएगा। अगले चरण में कंपनी क्रमबद्ध तरीके से देश के दक्षिणी, पश्चिमी और पूर्वी राज्यों तक पहुंचेगी। रिलायंस सिक्यूरिटीज के कार्यकारी निदेशक विक्रांत गुगनानी का कहना है, “हमें उम्मीद हैऔरऔर भी

सेंसेक्स और निफ्टी की बात करें तो बाजार सुबह से दोपहर तक गिरता रहा, लेकिन अंत आते-आते संभल गया। फिर भी बीएसई के मिड कैप और स्मॉल कैप सूचकांक क्रमशः 0.79 फीसदी और 1.38 फीसदी बढ़ गए। एक बात ध्यान रखें कि बाजार में करेक्शन यानी गिरावट आए या न आए, कंपनी विशेष के बारे में कोई नई सूचना लानेवाली खबर उसके शेयरों के भावों को बढ़ा देगी। हम अबन ऑफशोर, बीजीआर एनर्जी, रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल), रिलायंसऔरऔर भी

कर्मचारी भविष्य निधि कोष संगठन (ईपीएफओ) के नए कोष प्रबंधकों की नियुक्ति पर फैसला नहीं हो पाने के बीच संगठन ने तय किया है कि फिलहाल अगले तीन महीने तक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) अकेले ही 3.5 लाख करोड़ रुपए के भविष्य निधि कोष का प्रबंधन देखेगा। राजधानी दिल्ली में बुधवार को भविष्य निधि संगठन के ट्रस्टियों की हुई बैठक में इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया कि मौजूदा तीन अन्य कोष प्रबंधकों, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल, एचएसबीसीऔरऔर भी

वोल्टैम्प ट्रांसफॉर्मर्स लिमिटेड (बीएसई – 532757, एनएसई – VOLTAMP) नाम के अनुरूप बिजली के ट्रांसफॉर्मर बनाती है, अलग-अलग तरह के। 1967 से इसी काम में लगी है। वडोदरा (गुजरात) में उसकी फैक्टरी है। जर्मनी की दो कंपनियों मोरा और एचटीटी के साथ उसका तकनीकी गठबंधन है। कंपनी सरकारी व अर्ध-सरकारी परियोजनाओं, राज्य बिजली बोर्डों, रिफाइनरी, उर्वरक संयंत्र, फार्मा, स्टील, कागज व सीमेंट जैसे उद्योगों को अपने उत्पाद बेचती है। एबीबी, सीमेंस व एल एंड टी जैसी इंजीनियरिंगऔरऔर भी

अर्थ और वित्त की दुनिया बड़ी निर्मम है। यहां भावना और भावुकता से ऊपर उठकर सीधा-सीधा हिसाब चलता है। जापान में त्राहि-त्राहि मची है। लेकिन चूंकि जापान दुनिया में कच्चे तेल का तीसरा सबसे बड़ा ग्राहक है और वहां तमाम रिफानरियां आग की चपेट में आ गई हैं तो वे बंद रहेंगी जिससे तेल की मांग तात्कालिक रूप से घट जाएगी। सो, कच्चे तेल के दाम खटाक से 100 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आ गए। लेकिनऔरऔर भी