देश में भले ही स्विटजरलैड के बैंकों में रखे काले धन को लेकर राजनीतिक माहौल बना दिया गया हो, लेकिन भावना से परे हटकर देखें तो यह रकम बहुत मामूली है। स्विटजरलैंड के केंद्रीय बैंक के मुताबिक उनके देश के बैंकों में रखे गए विदेशी नागरिकों के कुल धन में भारतीयों का हिस्सा महज 0.07 फीसदी है। यह पाकिस्तान से भी कम है। जैसे अपना केंद्रीय बैंक, भारतीय रिजर्व बैंक है, वैसे ही स्विटजरलैंड का केंद्रीय बैंक,औरऔर भी

निफ्टी टूटकर 5225 और सेंसेक्स 17508 तक चला गया। लेकिन मुझे जरा-सा भी गफलत नहीं है। मंदड़िये अपने हमले से बाजार का रुख बदल सकते हैं, मेरी राय नहीं। हालांकि मुझे यह मानने में कोई हिचक नहीं कि अब बाजार की नई तलहटी बनाने का काम मंदड़िये करेंगे क्योंकि इस समय सब कुछ उनके हाथ, उनके शिकंजे में है। इस बीच एलआईसी ने बाजार में खरीद शुरू कर दी है और अगले 30 दिनों में वह 15,000औरऔर भी

बाजार पिछले दिनों दीवाली पर 21,000 अंक तक ऊंचा जाने के बाद से खुद को जमा रहा है। लेकिन कोरिया में ब्याज दरों के बढ़ने और आयरलैंड सरकार के 69 अरब डॉलर के डिफॉल्ट ने रिटेल निवेशकों के बीच कुछ हद तक अनिश्चितता पैदा कर दी है। फिर, राष्ट्रमंडल खेलों के घोटाले, टेलिकॉम घोटाले और आदर्श घोटाले जैसे राजनीतिक मामलों के साथ ही एलआईसी को 14,000 करोड़ रुपए के नुकसान की खबर ने भी निवेशकों के दिमागऔरऔर भी