सरकार ने सुबह से शाम तक बाजार को बचाने की हरचंद कोशिश कर डाली। यही वजह है कि बीएसई सेंसेक्स की गिरावट 1.82 फीसदी तक सिमट गई। सेंसेक्स अभी 16,990.18 अंकों पर चौदह माह के न्यूनतम स्तर पर है। लेकिन आगे इसमें ज्यादा सेंध लगने की उम्मीद कम है। वित्त मंत्रालय के सलाहकार, योजना आयोग व उद्योग संगठनों से लेकर खुद वित्त मंत्री ने आश्वस्त किया है कि भारत की विकासगाथा अक्षुण्ण है और हमारी अर्थव्यवस्था केऔरऔर भी

विश्व अर्थव्यवस्था में एशिया की स्थिति 16वीं व 17वीं सदी जैसी होने जा रही है। तब विश्व अर्थव्यवस्था में एशिया का योगदान 60 फीसदी के आसपास था। एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने अब भारत, चीन और जापान के बीच आर्थिक सहयोग में मजबूती की उम्मीद करते हुए अनुमान जताया है कि वर्ष 2050 तक दुनिया के जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में एशिया का योगदान 50 फीसदी से अधिक हो जाएगा। एडीबी ने कहा कि बेहतर परिदृश्य मेंऔरऔर भी

रिजर्व बैंक ने महीने पर पहले ही मौद्रिक नीति की समीक्षा में कहा था कि मार्च 2011 में मुद्रास्फीति की दर 8 फीसदी रहेगी। वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी से लेकर मुख्य आर्थिक सलाहकार कौशिक बसु तक कहते रहे थे कि मार्च अंत तक मुद्रास्फीति पर काबू पा लिया जाएगा और यह 7 फीसदी पर आ जाएगी। लेकिन शुक्रवार को आए असली आंकड़ों के मुताबिक मार्च में मुद्रास्फीति की दर 8.98 फीसदी रही है। यह फरवरी महीने केऔरऔर भी

सरकार ने दालों के निर्यात पर लगी पाबंदी और एक साल के लिए बढ़ा दी है। मौजूदा रोक की अवधि 31 मार्च 2011 को खत्म हो रही थी। लेकिन अब इसे 31 मार्च 2012 तक बढ़ा दिया गया है। विदेश व्यापार महानिदेशालय ने बुधवार को जारी एक अधिसूचना में कहा है, “दालों के निर्यात पर प्रतिबंध की मीयाद 31 मार्च 2012 तक बढ़ा दी गई है।” लेकिन यह रोक काबुली चने के निर्यात पर नहीं लागू होगी।औरऔर भी

कृषि और सेवा क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन के बूते चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 8.2 फीसदी रही है। इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में यह दर 7.3 फीसदी रही थी। बजट वाले ही दिन सोमवार को योजना आयोग की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार, तीसरी तिमाही में कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर 8.9 फीसदी रही है, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाहीऔरऔर भी

दिसंबर 2010 में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के आंकड़ों को देखें तो दिसंबर 2009 की तुलना में यह केवल 1.6 फीसदी बढ़ा है। यह पिछले बीस महीनों में औद्योगिक उत्पादन में हुई सबसे कम वृद्धि दर है। लेकिन अगर अप्रैल-दिसंबर 2010 के नौ महीनों की बात करें तो औद्योगिक विकास दर पिछले वित्त वर्ष 2009-10 की समान अवधि के बराबर 8.6 फीसदी है। रेटिंग एजेंसी केयर का कहना है कि इस दिसंबर में आईआईपी में कम वृद्धिऔरऔर भी

अपने अलग विचारों के लिए अक्सर विवादों में घिरे रहनेवाले पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने एक नया विवादास्पद बयान दिया है। उनका कहना है कि अगर आर्थिक तरक्की के कारण पर्यावरण को पहुंचे नुकसान को गिना जाए तो देश की आर्थिक वृद्धि दर आठ या नौ फीसदी नहीं, बल्कि साढ़े पांच से छह फीसदी के बीच आंकी जाएगी। रमेश की इस टिप्पणी से पहले वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने बीते सोमवार कहा था कि वित्त वर्ष 2009-10औरऔर भी

साल 2021 तक भारत में महानगरों की संख्या दुनिया में सबसे ज्यादा होगी और हर महानगर में एक करोड़ से ज्यादा लोग रह रहे होंगे। अमेरिकन इंडिया फाउंडेशन ऐसा मानता है। वहीं, भारत सरकार की जनगणना के मुताबिक भी बीते एक दशक में गांवों से तकरीबन 10 करोड़ ने पलायन किया है, जबकि निवास स्थान छोड़ने के आधार पर 30 करोड़ 90 हजार लोगों ने अपना निवास स्थान छोड़ा है। योजना आयोग के मुताबिक 1999-2000 में अप्रवासीऔरऔर भी

केंद्र सरकार ने 20 प्रोफेशनल लोगों का एक पैनल बनाया है जो विभिन्न मंत्रालयों को अपना सालाना लक्ष्य पूरा करने में मदद करेगा। ये प्रोफेशनल कॉरपोरेट क्षेत्र से लिये गए हैं। इनमें से कुछ प्रमुख नाम हैं – गोदरेज इंडस्ट्रीज के पूर्व निदेशक विस्टी बानाजी, बोस्टन कंसल्टिंग के विक्रम भल्ला और प्राइस वॉटरहाउस कूपर्स के अमृत पांडुरंगी। खास बात यह है कि जो भी मंत्रालय इन विशेषज्ञों की सेवा लेगा, वह इन्हें हर दिन के लिए 10,000औरऔर भी