यूरो ज़ोन अब ऋण संकट के साथ-साथ रिकॉर्ड बेरोजगारी, घटते औद्योगिक उत्पादन और बढ़ती महंगाई से भी परेशान हो गया है। यूरोप के सांख्यिकी कार्यालय यूरोस्टैट के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक यूरो ज़ोन में बेरोजगारी की दर जनवरी में अचानक बढ़कर 10.7 फीसदी हो गई। ऋण संकट से बुरी तरह घिरे स्पेन में बेरोजगारी की दर 23.3 फीसदी हो गई है जो पूरे यूरो ज़ोन में सबसे ज्यादा है। ऑस्ट्रिया की हालत सबसे अच्छी है। लेकिन वहांऔरऔर भी

ग्रीस की संसद ने अवाम के विरोध प्रदर्शन के बावजूद सरकारी खर्च में भारी कटौती का मितव्ययिता पैकेज मंजूर कर लिया है। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) और यूरोपीय संघ ने शर्त लगा रखी है कि इस प्रस्ताव को मंजूर करने पर ही ग्रीस को 130 अरब यूरो (170 अरब डॉलर) की आर्थिक सहायता दी जाएगी। इस सिलसिले में बुधवार को यूरो ज़ोन के वित्त मंत्रियों की एक और बैठक ब्रसेल्स में होने जा रही है। ग्रीस की संसदऔरऔर भी

यूरो ज़ोन के देशों के वित्त मंत्रियों ने ग्रीस के उद्धार के लिए तीन शर्तें लगा दी हैं। गुरुवार को ब्रसेल्स में ग्रीस के वित्त मंत्री के साथ यूरो ज़ोन के बाकी 16 देशों के वित्त मंत्रियों की बैठक में तय किया गया है कि इन शर्तों को पूरा करने पर ही ग्रीस को आर्थिक संकट से उबरने लिए 130 अरब यूरो (170 अरब डॉलर) की आर्थिक मदद मिलेगी। लेकिन इसके विरोध में ग्रीस की यूनियनों सेऔरऔर भी

भारतीय अर्थव्यवस्था के साथ भारतीय मुद्रा के दुर्दिन भी थमने का नाम नहीं ले रहे। सोमवार को डॉलर के सापेक्ष रुपए की विनिमय दर 52.87 रुपए पर पहुंच गई जो अब के इतिहास की सबसे कमजोर दर है। हालांकि पिछले स्तर से 1.53 फीसदी की गिरावट के साथ 52.84 / 85 रुपए पर बंद हुई। इससे पहले रुपया 22 नवंबर को डॉलर से सापेक्ष 52.73 रुपए तक गिर गया था। विदेशी मुद्रा डीलरों का कहना है किऔरऔर भी

बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स में यूरोपीय संघ का शिखर सम्मेलन गुरुवार से शुरू हो गया। यह शुक्रवार तक चलेगा। इसमें यूरो को बचाने पर चर्चा होगी। इस बीच जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने कहा है कि वे कोई घटिया समझौता करने को तैयार नहीं हैं। वे यूरोपीय संघ की संधि में संशोधन की मांग पर अड़ी हुई हैं। मुश्किल यह भी है कि सारी दुनिया में निराशा छा गई है कि सम्मेलन से कुछ खास निकलनेवाला नहींऔरऔर भी

इटली के प्रधानमंत्री सिल्वियो बर्लुस्कोनी ने इस्तीफा देने का फैसला कर दिया है। लेकिन इसके बाद इटली में लंबी राजनीतिक अनिश्चितता देखने को मिल सकती है। बर्लुस्कोनी की पार्टी चुनाव कराना चाहती है, वहीं विपक्ष राष्ट्रीय एकता की सरकार चाहता है। निचले सदन में हुए मतदान के दौरान बहुमत पाने में नाकाम रहे बर्लुस्कोनी ने कहा कि वह संसद में बजट सुधार पास होने के बाद अपना पद छोड़ देंगे। यूरोपीय साझीदारों ने इटली से इन सुधारोंऔरऔर भी

यूरोप के केंद्रीय बैंक में अंदरूनी मतभेद और ग्रीस द्वारा करों में और कमी किए जाने की घोषणा की खबरों के बाद यूरो ज़ोन में कर्ज संकट गहराने की आशंका बढ़ गई है। लेकिन इससे एशियाई बाजार में सोमवार को कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट का रुख दर्ज किया गया। न्यूयॉर्क में कच्चे तेल (लाइट स्वीट क्रूड) का अक्टूबर में होने वाला मुख्य सौदा सोमवार 1.23 डॉलर की गिरावट के साथ 86.01 डॉलर प्रति बैरल परऔरऔर भी

सरकार ने सुबह से शाम तक बाजार को बचाने की हरचंद कोशिश कर डाली। यही वजह है कि बीएसई सेंसेक्स की गिरावट 1.82 फीसदी तक सिमट गई। सेंसेक्स अभी 16,990.18 अंकों पर चौदह माह के न्यूनतम स्तर पर है। लेकिन आगे इसमें ज्यादा सेंध लगने की उम्मीद कम है। वित्त मंत्रालय के सलाहकार, योजना आयोग व उद्योग संगठनों से लेकर खुद वित्त मंत्री ने आश्वस्त किया है कि भारत की विकासगाथा अक्षुण्ण है और हमारी अर्थव्यवस्था केऔरऔर भी

आज का दिन शेयर बाजार में कत्लोगारद का दिन है। अमेरिका का संकट सारी दुनिया पर हावी है। मध्य-पूर्व के बाजारों में कुवैत में 2.51 फीसदी से लेकर इस्राइल की 6.59 फीसदी गिरावट ने झांकी दिखा दी है कि भारत व एशिया के बाजारों में क्या हो सकता है। हमारे पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में शेयर सूचकांक रविवार को बाजार खुले होने पर 2.2 फीसदी गिर चुका है। सेंसेक्स शुक्रवार को 2.19 फीसदी गिरकर 17,305.87 पर बंद हुआऔरऔर भी