लोकसभा में सोमवार को एक तरफ विपक्ष भ्रष्टाचार के मुद्दे पर संयुक्त संसदीय समिति बनाने की मांग कर रहा था, वहीं दूसरी तरफ वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने उसके हंगामे की परवाह न करते हुए चालू वित्त वर्ष 2010-11 के आम बजट के अनुदान की अनुपूरक मांगें पेश कीं। वित्त मंत्री ने सदन को बताया कि सरकार को इस बार खर्चों के लिए बजट के ऊपर से 44,945.52 करोड़ रुपए चाहिए। इसमें से 25,132.55 करोड़ रुपए तोऔरऔर भी

सरकार, दूसरी छमाही के लिए बजट में जितना तय है, उससे कम उधार बाजार से जुटाएगी। यह कहना है वित्त सचिव अशोक चावला का। उनके मुताबिक अक्टूबर से मार्च के बीच सरकारी बांडों के जरिए 1.70 लाख करोड़ रुपए का कर्ज जुटाया जाना था। लेकिन अब यह रकम 1.63 लाख करोड़ रुपए ही रहेगी। इस तरह अब बाजार पर 7000 करोड़ रुपए के सरकारी बांडों का बोझ कम हो जाएगा। हालांकि यह अपेक्षाकृत इतनी छोटी रकम हैऔरऔर भी