प्रमुख विपक्षी दल बीजेपी ने मल्टी ब्रांड रिटेल में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) पर कांग्रेस को कठघरे में खड़ा कर दिया है। मंगलवार को पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने कहा कि एनडीए शासन के दौरान विपक्ष में रहते यही पार्टी खुदरा व्यापार में एफडीआई को राष्ट्र-विरोधी बताकर उसका विरोध करती थी। उन्होंने कहा, ‘‘लोकसभा में कांग्रेस के तत्कालीन मुख्य सचेतक प्रियरंजन दास मुंशी ने 2002 में संसद के शीतकालीन सत्र मेंऔरऔर भी

काले धन के मुद्दे पर विपक्ष ने बुधवार को सरकार की जमकर घेराबंदी की। इतना कि उसे लाल कर डाला। हर किसी दल ने इस कदर हमला किया कि सरकार को कोई जवाब देते नहीं बना। विपक्ष ने विदेश में जमा काले धन को स्वदेश लाने, वहां खाता रखने वाले भारतीयों को किसी भी तरह का संरक्षण नहीं देने और उनके नामों का खुलासा करने की मांग की। लोकसभा में बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी की ओर सेऔरऔर भी

हर देशवासी को उसकी उंगलियों के निशान से लेकर पुतलियों की अलग बुनावट के आधार पर अलग नबंर देने की आधार परियोजना अधर में लटक गई है। वित्त मंत्रालय की संसदीय स्थाई समिति ने नेशनल आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया बिल को खारिज कर दिया है। इस समिति के अध्यक्ष बीजेपी नेता व पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा हैं। यूं तो सरकार के लिए इस समिति की सिफारिशों को मानना जरूरी नहीं है। लेकिन अभी-अभी रिटेल में एफडीआईऔरऔर भी

लोकसभा में मुद्रास्फीति या महंगाई पर बहस जारी है। उम्मीद है कि गुरुवार को एक प्रस्ताव पारित कर मुद्रास्फीति पर चिंता जताई जाएगी और सरकार से कहा जाएगा कि वह कीमतों पर काबू पाने के लिए कुछ और कदम उठाए। लेकिन बुधवार को सांसदों ने महंगाई के मसले पर जिस तरह शब्दों की तीरंदाजी दिखाई है, उसने साबित कर दिया है कि हमारे सांसद आर्थिक मामलों में कितने ज्यादा निरक्षर हैं। वह भी महंगाई जैसे मसले परऔरऔर भी