मेहनत के बिना कहीं आसमान से कुछ नहीं टपकता। हां, जानवर या मशीन जैसे काम के दाम कम हैं। पर पढ़-लिखकर इंसानी हुनर के माफिक काम करेंगे तो दाम भी ज्यादा मिलेंगे। सीधी-सी बात है।और भीऔर भी

भूत, वर्तमान और भविष्य की अनुभूति के बीच सही संतुलन जरूरी है। अतीत मिट जाए तो हम शब्दहीन, वर्तमान खो जाए तो अवसादग्रस्त और भविष्य न दिखे तो निर्जीव मशीन बन जाते हैं।और भीऔर भी