मुख्य चुनाव आयुक्त एस वाई क़ुरैशी का मानना है कि देश में निर्वाचित सांसदों को वापस बुलाने के अधिकार पर अमल संभव नहीं है। बता दें कि हाल ही में गांधीवादी कार्यकर्ता अण्णा हज़ारे ने मांग की थी कि चुने हुए जन प्रतिनिधियों को वापस बुलाने का अधिकार जनता को मिलना चाहिए। इससे पहले 1974 में जयप्रकाश आंदोलन के दौरान भी जन प्रतिनिधियों को वापस बुलाने के अधिकार की मांग उठ चुकी है। मध्य प्रदेश में करीबऔरऔर भी

मध्य प्रदेश पुलिस ने राज्य में सक्रिय सात चिटफंड कंपनियों के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायतों पर एफआईआर दर्ज कर ली है और इन कंपनियों में से तीन के प्रबंधकों को गिरफ्तार भी कर लिया है। जहां ये कंपनियां ज्यादा सक्रिय थीं, वो इलाका वाणिज्य व उद्योग राज्यमंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के पुश्तैनी चुनाव क्षेत्र में आता है। भिंड के एसपी अनुराग ने समाचार एजेंसी ‘भाषा’ को बताया कि जिन चिटफंड कंपनियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है, उनमेंऔरऔर भी

अप्रैल के पहले हफ्ते से गेहूं की सरकारी खरीद चालू है। दिखाने के लिए सरकारी खरीद के लंबे-चौड़े लक्ष्य तय किए गए हैं। लेकिन सरकार इस दिशा में कुछ खास करने नहीं जा रही। गेहूं की सरकारी खरीद में एफसीआई समेत अन्य सरकारी एजेंसियां ढीला रवैया अपनाएंगी। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड समेत लगभग एक दर्जन राज्यों में एफसीआई गेहूं खरीद से दूर ही रहने वाली है। ये राज्य केंद्रीय पूल वाली खरीद में नहीं आते हैं।औरऔर भी

मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड इलाके के छतरपुर जिले में किम्बरलाइट या  हीरे वाली चट्टान की खोज के साथ ही निकट भविष्य में हीरे की खदान प्राप्त होने की आशा है। खनिज विभाग के सूत्रों के अनुसार ब्रिटिश-ऑस्ट्रेलियाई कंपनी रियो टिन्टो द्वारा किम्बरलाइट पाइपों की खोज की दिशा में विस्तृत काम के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने कंपनी को दो पूर्वेक्षण अनुज्ञप्तियां इसी क्षेत्र में स्वीकृत की थीं। कंपनी द्वारा हीरा उत्पादन के लिए छतरपुर जिले में दो खनिजऔरऔर भी

मध्य प्रदेश में अब पंचायत खातों से कैश विदड्रावल या नकद आहरण नहीं किया जा सकेगा। इन खातों में कोई भी भुगतान बैंक ड्राफ्ट, क्रॉस चेक या खाते से खाते में ट्रांसफर के माध्यम से ही होगा। राज्य के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव का कहना है कि इससे फर्जी आहरण और भुगतान में होने वाली गड़बड़ी पर रोक लगाई जा सकेगी उन्होंने बताया कि इस आशय के निर्देश पंचायतों के सभी मुख्य कार्यपालन अधिकारियोंऔरऔर भी

पूंजी बाजार नियामक संस्था, सेबी ने पश्चिम बंगाल की कंपनी रोज़ वैली रीयल एस्टेट एंड कंस्ट्रक्शन को लोगों से किसी भी रूप में धन जुटाने से रोक दिया है। सेबी का आरोप है कि कंपनी एक सामूहिक निवेश स्कीम (सीआईएस) चला रही है, लेकिन इसके लिए उसने नियामक संस्था की इजाजत नहीं ली है। सेबी ने मंगलवार को जारी आदेश में रोज़ वैली से कड़े शब्दों में कहा है, “वह निवेशकों से कोई धन इकट्ठा न करे,औरऔर भी

केएस ऑयल्स (बीएसई – 526209, एनएसई – KSOILS) में ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है कि उसका शेयर 52 हफ्ते के न्यूनतम स्तर पर पहुंच जाए। लेकिन कल वह 37.80 रुपए की तलहटी पर पहुंचा है तो कुछ तो वजह रही होगी? अपने-आप तो ऐसा नहीं हो सकता? उसमें वोल्यूम भी अच्छा-खासा हुआ है। बीएसई में जहां दो हफ्ते का औसत रोजाना कारोबार 12.64 लाख शेयरों का रहा है, वहीं कल इसके 20.85 लाख शेयरों में सौदेऔरऔर भी