बात एकदम सीधी है। जो भी शेयर बाजार में निवेश नहीं करते, वे भारत की विकासगाथा के लाभ से वंचित है। लेकिन आश्चर्यजनक, किंतु सत्य यह है कि देश की 121 करोड़ की आबादी में से कम से कम 120 करोड़ लोग इस लाभ से वंचित हैं, जबकि ठीकठाक कमानेवाले भारतीय मध्य वर्ग की ही आबादी 15 करोड़ से ज्यादा है। सबको साथ लेनेवाले कौन-से समावेशी विकास की बात करती यह सरकार? देश की विकासगाथा को व्यापकऔरऔर भी

समझ में नहीं आता इन दुखी आत्माओं का क्या करूं? एक दुखी आत्मा ने लिखा है, “हेलो! आप यहां हर वक्त लिखते हैं कि मार्केंट मजबूत रहेगा। लेकिन हर वक्त वो नीचे ही नीचे जा रहा है। आपने लिखा था कि 6200 से 7000 तक निफ्टी जाएगा। मगर ऐसा नहीं हुआ। अगर आपको सही मालूम होता तो क्यों नहीं आप सबको बोलते कि निफ्टी 4500 तक जाएगा। जब निफ्टी 6200 था तब सब अपना बेच देते औरऔरऔर भी