इस साल कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) पर मिलनेवाले 1 फीसदी अतिरिक्त ब्याज पर कोई इनकम टैक्स नहीं लिया जाएगा। श्रम व रोजगार मंत्री हरीश रावत ने सोमवार को लोकसभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि इस आय को इनकम टैक्स से मुक्त रखा गया है। बता दें कि चालू वित्त वर्ष 2010-11 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के ट्रस्टी बोर्ड ने 8.5 फीसदी की जगह 9.5 फीसदी ब्याज देने का निर्णय लिया है। इसकेऔरऔर भी

लोकसभा में सोमवार को एक तरफ विपक्ष भ्रष्टाचार के मुद्दे पर संयुक्त संसदीय समिति बनाने की मांग कर रहा था, वहीं दूसरी तरफ वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने उसके हंगामे की परवाह न करते हुए चालू वित्त वर्ष 2010-11 के आम बजट के अनुदान की अनुपूरक मांगें पेश कीं। वित्त मंत्री ने सदन को बताया कि सरकार को इस बार खर्चों के लिए बजट के ऊपर से 44,945.52 करोड़ रुपए चाहिए। इसमें से 25,132.55 करोड़ रुपए तोऔरऔर भी

पोस्ट ऑफिस के मंथली इनकम स्कीम (एमआईएस) खातों में 8 सालाना ब्याज मिलता है। इसमें किए गए डिपॉजिट के परिपक्व होने पर कुल जमा राशि का 5 फीसदी हिस्सा बतौर बोनस दिया जाता है। पांच साल के टाइम डिपॉजिट खातों में किए गए निवेश पर आयकर की धारा 80-सी के तहत टैक्स छूट मिलती है। पहले इस स्कीम में अधिकतम डिपॉजिट की सीमा एकल खाते में 3 लाख और संयुक्त खाते में 6 लाख रुपए थी। लेकिनऔरऔर भी

रिजर्व बैंक ने मुद्रास्फीति पर लगाम लगाने को प्राथमिकता मानते हुए ब्याज दरें बढ़ाने का फैसला किया है। उसने मौद्रिक नीति की पहली त्रैमासिक समीक्षा में रेपो दर में 0.25 फीसदी और रिवर्स रेपो में 0.50 फीसदी की वृद्धि कर दी है। गौर करें कल शाम को लिखी गई अर्थकाम की खबर के पहले पैरा का आखिरी वाक्य, “हो सकता है कि रेपो में 0.25 फीसदी की ही वृद्धि की जाए, लेकिन रिवर्स रेपो में 0.50 फीसदीऔरऔर भी